ट्विटर को खरीदने वाले एलन मस्क की बादशाहत अब खत्म हो गई है। फोर्ब्स की रियल टाइम इंडेक्स के मुताबिक 8 दिसंबर की सुबह 8बजकर 45मिनट पर अरनाल्ट परिवार की नेटवर्थ टि्वटर के सीईओ एलन मस्क से भी ज्यादा थी। जबकि एलन मस्क उसके बाद 185.4 बिलियन डॉलर की नेटवर्क के साथ टॉप पर बने हुए थे।
एलन मस्क अपनी टॉप रैंकिंग से हाथ धो बैठे हैं। टेस्ला, स्पेसएम्स और टि्वटर के सीईओ एलन मस्क की बादशाहत अब खत्म हो चुकी है। वह अब पहले टॉप रैंक के पद पर नहीं है क्योंकि अब उनकी जगह किसी दूसरे बिजनेसमैन ने ले ली है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर वह शख्स है कौन?
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फोर्ब्स की रियल टाइम इंडेक्स के अनुसार बर्नार्ड अरनॉल्ट ने एलन मस्क को पछाड़ दिया है और नंबर वन रैंक पर आ गए हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मस्क दोबारा से अपने पायदान पर नहीं आ सकते हैं। दोनों के बीच ज़्यादा फासला नहीं है, तो ऐसे में एलन दोबारा भी पहले पायदान पर आ सकते हैं। फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनर्स की जारी की गई लिस्ट के मुताबिक पहले पायदान पर बर्नार्ड अरनॉल्ट, दूसरे पर एलन मस्क और तीसरे पायदान पर भारत के गौतम अडानी शामिल हैं।
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फोर्ब्स रियल टाइम इंडेक्स के मुताबिक़ 8 दिसंबर की सुबह अरनाल्ट परिवार की नेटवर्थ मस्क से भी ज्यादा हो गई थी। हालांकि एलन मस्क उसके बाद 185.4 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ टॉप पर बने हुए थे। लेकिन दोनों की संपत्ति में ज्यादा फर्क न होने के कारण यह लिस्ट बार-बार बदल रही थी।
टि्वटर के सीईओ एलन मस्क बीते कई महीनों से चर्चा का विषय बने हुए हैं। शुरुआत में वह अपनी अलग और अनोखी टेस्ला कार और स्पेस रिसर्च के साथ ही ट्विटर को खरीदने के मामले में चर्चा में थे। एलन मस्क की संपत्ति लगातार नीचे जा रही है। 2022 से ही टेस्ला कार के शेयर गिरते जा रहे हैं । तो वहीं ट्विटर में 44 बिलियन डॉलर लगाने से भी उन पर काफ़ी प्रभाव पड़ा है। पहले तो मस्क ने ट्विटर को खरीदने की बात कही थी, लेकिन फिर वह इस बात से मुकर गए।
 
;? #ElonMusk just lost the title of the richest person in the world to Bernard Arnault & family - Forbes pic.twitter.com/M6oWOjMaLS
— ???_?????? ???????? (@Businessman_As) December 8, 2022
बाद में जब यह मामला कोर्ट में गया तब समझौते के बाद आखिरकार उन्होंने ट्विटर को खरीद ही लिया। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदने के बाद इसमें काफी बदलाव भी किए। उन्होंने इसके सीईओ समेत कंपनी के कई बड़े अधिकारियों को भी निकाल दिया था। यही नहीं उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों को भी ज्यादा काम करने के लिए मजबूर किया।