भारत सरकार ने 10 यूट्यूब चैनलों को किया बैन, ध्रुव राठी का चैनल भी शामिल

भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गूगल के ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म-यूट्यूब को 10 चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।

Updated On: Sep 26, 2022 21:01 IST

Dastak

भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गूगल के ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म-यूट्यूब को 10 चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इस लिस्ट में कईं बडे यूट्यूब चैनल भी आते हैं। इनमें ध्रुव राठी के चैनल की वीडियो भी है। जिन 45 वीडियोज को सरकार ने हटाने का आदेश दिया है उनकी कुल व्यूअरशिप 1 करोड़ 30 लाख से अधिक है।

अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक सरकार ने ये फैसला 23 सितंबर को खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर लिया है। सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अनुसार यूट्यूब के माध्यम से देश के खिलाफ जहर उगलने और भारत के मित्र देशों के साथ उनके संबधों को प्रभावित करने वाले 10 यूट्यूब चैनलों को निलंबित करने का आदेश जारी किया है। सूचना एंव प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि यह कदम देश हित में उठाया गया है, हम आने वाले समय में भी ऐसा करते रहेंगे।

सूचना मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि “सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत 23.09.2022 को संबंधित वीडियोज को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए थे।” इन वीडियोज में धार्मिक समुदायों के बीच नफरत फैलाने के इरादे से की गई फर्जी खबरें और मॉर्फ्ड वीडियो शामिल थे।

मंत्रालय के अनुसार इनके उदाहरणों में झूठे दावे शामिल हैं जैसे सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकारों को छीन लिया, धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसक धमकी, भारत में गृहयुद्ध की घोषणा और अन्य। इस तरह के वीडियो में सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने करने और देश में साज्ञवजनिक व्यवस्था को बाधित करने की क्षमता पाई गई है।

मंत्रालय द्वारा बैन की गई कुछ वीडियोज का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर और अन्य से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था।

मंत्रालय ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से सामग्री को गलत और संवेदनशील माना गया।" कुछ वीडियो में भारतीय क्षेत्र के बाहर जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों के साथ भारत की गलत बाहरी सीमा को दर्शाया गया है। इस तरह के कार्टोग्राफिक गलत बयानी को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए हानिकारक पाया गया।

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मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध सामग्री को भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों और देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया। इसलिए इस सामग्री को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के दायरे में शामिल किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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