EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) यानी कर्मचारी भविष्य निधि से केवल जनवरी 2021 में 13 लाख 36 हजार लोग जुड़े हैं। इसे अबतक का अधिकतम माना जा रहा है। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ईपीएफओ के आंकडों में ये बात साफ हुई है। जो कर्मचारी फंड में लगातार बढ़ रहे लोगों के रुझान को दिखा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान बहुत से लोगों ने अपने रोजगार खोए हैं ऐसे में भविष्यनिधि में कर्मचारियों के रजिस्ट्रेशन बढ़ना एक अलग कहानी बयां कर रहा है। हम इस खबर में ये आंकडे कैसे और क्यों बढ़ रहे हैं इसे जानने की कोशिश करेंगे।
पिछले साल की तुलना में इतने बढ़े ग्राहक-
EPFO ने चालू वित्त वर्ष में लगभग 62.49 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं। दिसंबर 2020 की तुलना में जनवरी 2021 में डाटा 24 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शा रहा है। साल दर साल के हिसाब से डाटा को देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में इस साल ईपीएफओ का ग्राहक विकास दर 27.79 प्रतिशत अधिक है।
क्यों बढ़ रहे हैं ग्राहक? क्या कोरोना असर खत्म?
इन आंकडों को देखकर किसी के भी मन में सबसे बड़ा सवाल यही उठ सकता है कि क्या कोरोना का असर खत्म हो गया है और लोगों की अधिक संख्या में नौकरी लग गई है जौ यहां भविष्यनिधी में कर्मचारी बढ़े हैं। लेकिन दस्तक इंडिया को ऐसा नहीं लगता।
हमारी राय में कंपनियों में जो कर्मचारी पहले से काम करते हैं और जो कोरोना काल के बाद अपनी नौकरियों में वापस आ गए हैं वो अब खुद को तेजी से EPFO में रजिस्टर करा रहे हैं ताकि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ वे ले पाएं। इससे पहले कर्मचारी भविष्यनिधी में उनकी सैलरी का कुछ हिस्सा जाता था तो वो इसे बेकार में जाना मानते थे और निकलवाने के लिए उन्हें कितने चक्कर लगाने पड़ेगे इससे बचते थे।
लेकिन अब कोरोना के बाद हालात बदले हैं तो कर्मचारियों ने इसमें अपना रजिस्ट्रेशन कराना शुरु कर दिया है ताकि सरकार द्वारा घोषित किसी योजना या सुविधाओं के लाभ से वे वांछित न रह जाएं।
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