पति का दो पत्नियों से हुआ एग्रीमेंट, सप्ताह में तीन-तीन दिन दोनों के साथ रहेगा, संडे को पति का हक जहां रहे

ग्वालियर, मध्य प्रदेश के 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपनी दो पत्नियों में से एक के साथ हर सप्ताह तीन दिन बिताने के लिए सहमत हुए। वह सप्ताह के पहले तीन दिल पहली पत्नी के साथ और बाद के तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ बिताएंगे।

Updated On: Mar 15, 2023 12:11 IST

Dastak

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Source- Pixels)

ग्वालियर, मध्य प्रदेश के 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपनी दो पत्नियों में से एक के साथ हर सप्ताह तीन दिन बिताने के लिए सहमत हुए। वह सप्ताह के पहले तीन दिल पहली पत्नी के साथ और बाद के तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ बिताएंगे। इसके बाद रविवार को वो दोनों में से किसी के साथ भी रह सकते हैं ये पति की आजादी होगी कि वो किसे चुनते हैं। पुरुष को प्रत्येक महिला के लिए अलग रहने की जगह भी प्रदान करनी थी। उसने दोनों महिलाओं के साथ बच्चों को जन्म दिया है।

2018 में हुई थी पहली शादी-

महिला ने मई 2018 में पुरुष से शादी की और उनका एक बेटा भी है। युवक के पूर्व में एक अन्य महिला से भी संबंध थे। महिला का परिवार चाहता था कि वह तलाक ले ले, लेकिन महिला इस शादी को तोड़ना नहीं चाहती थी और अपने बच्चे को भी रखना चाहती थी। अदालत ने महिला और पुरुष के मतभेदों को सुलझाने में मदद करने के लिए एक काउंसलर नियुक्त किया।

कोरोना काल से पहले गुडगांव में रहते थे पति-पत्नी-

26 साल की इस महिला ने 2018 में शादी की थी और दोनों पति-पत्नी दो साल तक गुरुग्राम में रहते थे। क्योंकि पति की नौकरी यहीं थी, इन दोनों के एक बच्चा भी है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद ये परिवार 2020 में वापस ग्वालियर चला गया क्योंकि ये वहीं के रहने वाले थे। पति ने कुछ समय ग्वालियर में ही वर्क फ्रॉम होम किया और उसके बाद वो वापस गुरुग्राम चला गया।

कोरोना खत्म होने के बाद वापस गुडगांव आकर अपनी सहकर्मी से कर ली शादी-

पत्नी का आरोप है कि कोरोना के बाद स्थिती ठीक होने के बाद भी पति वापस उनके पास नहीं आया। इसके बाद महिला अपने मायके वालों के साथ 2021 में पति की खोज में वापस गुडगांव आती है और पाती है कि उसके पति जिस कंपनी में काम करता है वहीं पर काम करने वाली एक सहकर्मी के साथ उसने विवाह कर लिया है और दोनों के एक बच्चा भी है।

पहली पत्नी ने अदालत में डाला था मुकदमा-

अब महिला ने इस मामले के बाद गुजारा भत्ता मांगने के लिए ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में मुकदमा दायर किया। अदालत ने एक वकील और काउंसलर से मंगलवार को होने वाली सुनवाई से पहले किसी समझौते पर पहुंचने की कोशिश करने को कहा।

पति की नौकरी जाने के डर से मानी दोनों पत्नियां-

उस व्यक्ति को दीवान (एक सरकारी अधिकारी) ने बताया कि पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी महिला से शादी करना अवैध है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू विवाह अधिनियम में कहा गया है कि एक तलाकशुदा महिला दोबारा शादी करने के योग्य नहीं है। वकील ने उस आदमी से यह भी कहा कि अगर पहली पत्नी पुलिस में शिकायत दर्ज कराती है, तो उसकी नौकरी जा सकती है। इसपर दोनों पत्नियों ने अदालत से बाहर फैसला निपटाना उचित समझा।

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कोर्ट के बाहर हुआ हफ्ते में तीन-तीन दिन दोनों पत्नियों को देने का फैसला-

इसके बाद तीनों पक्ष अपना विवाद कोर्ट के बाहर ही निपटाने पर राजी हो गए। समझौते के तहत, आदमी सप्ताह में तीन दिन अपनी एक पत्नी के साथ और अगले तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ बिताएगा। वह जिसके साथ चाहे रविवार बिताने के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही पति दोनों पत्नियों को गुडगांव में अलग-अलग फ्लैट दिलाएगा दोनों अपने अपने फ्लैटों में गुडगांव ही रहेंगी।

ये बातें बकायदा एग्रीमेंट कर मानने को पति को बाध्य किया गया है। वहीं दीवान ने बताया है कि अगर पहली पत्नी का मानना ​​है कि उसका पति उसके साथ अपने अनुबंध को पूरा नहीं कर रहा है, तो वह फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है।

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