कश्मीर के मौलवी ने कहा फिल्म कश्मीर फाइल्स पर लगे बैन, 32 साल से मुसलमान का दर्द नहीं दिखा

मौलवी फारुख ने दावा किया कि कश्मीर में हजारों मुसलमान भी मारे गए हैं, लेकिन फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" में उन परिवारों के दर्द को नजरअंदाज किया गया है। मौलवी ने कहा कि 32 साल बीत जाने के बाद लोगों ने फिल्म में कश्मीरी पंडितों का खून देखा है लेकिन मुसलमानों का दर्द नहीं दिखाया गया।

Updated On: Mar 27, 2022 19:26 IST

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Photo Source- Vivek Agnihotri

विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर विवाद लगातार जारी है। फिल्म को रिलीज हुए कई हफ्ते बीत चुके हैं, बावजूद इसके विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन पर आधारित है। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही इसे लेकर विवाद तूल पकड़ रहे हैं। अब जम्मू और कश्मीर के एक मौलवी ने फिल्म पर बैन की मांग की है। मौलवी के अनुसार फिल्म में मुस्मिल समुदाय के दर्द और उसके साथ हुए खून खराबे को फिल्म में अनदेखा करने का आरोप लगाया है।

अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार जम्मू-कश्मीर के रजौरी जिले में पड़ने वाली जामिया मस्जिद में मौलवी फारुक ने के सभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि फिल्म में कशमीरी मुसलमानों के दर्द और पीड़ा को कहीं भी दिखाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि ये फिल्म दो समुदायों के बीच में फर्क पैदा करने वाली है।

मौलवी ने कहा कि वे इस फिल्म के निर्माताओं की कड़ी निंदा करते हैं, वे उनसे पूछते हैं कि क्या उन्हें मुस्लमानों का दर्द नहीं दिखता? उनका सारा ध्यानाकर्षण सिर्फ पंडितों पर ही क्यों है? मौलवी ने दावा किया कि हम मुसलमानों ने इस देश पर 800 साल से अधिक समय तक शासन किया है, हिंदू तो केवल 70 साल पहले सत्ता में आए थे, लेकिन आप हमें या हमारी पहचान को यहां से मिटा नहीं सकते।

मौलवी फारुख ने दावा किया कि कश्मीर में हजारों मुसलमान भी मारे गए हैं, लेकिन उन परिवारों के दर्द को नजरअंदाज किया गया है। मौलवी ने कहा कि 32 साल बीत जाने के बाद लोगों ने फिल्म में कश्मीरी पंडितों का खून देखा है लेकिन इन 32 सालों में कितने मुसलमान मारे गए, कितनी महिलाएं विधवा हुईं, कितने घर टूटे ये किसी ने नहीं दिखाया। मौलवी ने फिल्म की निंदा करते हुए इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दिया है।

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मौलवी फारुख के अनुसार इस फिल्म के जरिए एक दीवार बनाने की साजिश की जा रही है, जिसकी हम निंदा करते हैं। जो लोग हिंदू और मुसलमानों के बीच साजिशन भावनाओं को भड़काकर अपनी राजनीति करना चाहते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए।

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