Meghalaya को मिली पहली Electric Train की सौगात, जानें क्या होंगे क्षेत्र को इससे फायदे

मेघालय को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन मिली, अभयपुरी पंचरत्न के बीच रेलवे ने इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया है, पूर्वोत्तर भारत में इसके बाद ट्रेनों की गति में सुधार आने की उम्मीद है।

Updated On: Mar 18, 2023 10:33 IST

Dastak Web Team

Photo Source - Twitter

लंबे इंतजार के बाद अब जाकर मेघालय को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन मिली, अभयपुरी पंचरत्न के बीच रेलवे ने इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा कर लिया है, पूर्वोत्तर भारत में इसके बाद ट्रेनों की गति में सुधार आने की उम्मीद है। शुक्रवार को भारतीय रेलवे ने कहा, कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मेंदीपाथर- दूधनाई सिंगल लाइन सेक्शन और अभयपूरी पंचरत्न चालू करके एक और उपलब्धि हासिल की है। जानकारी के मुताबिक 15 मार्च को डबल लाइन सेक्शन शुरू की गई।

मेंदीपाथर एकमात्र रेलवे स्टेशन-

उत्तरी पूर्वी राज्य मेघालय का मेंदीपाथर एकमात्र रेलवे स्टेशन है, जो प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन किए जाने के बाद 2014 में शुरू किया गया था। इलेक्ट्रिक ट्रेनें चालू होने के बाद से अब इलेक्ट्रॉनिक लोकोमोटिव द्वारा खींचे जाने वाली ट्रेन मेघालय के मेंदीपाथर से चलाई जा सकेंगी‌। जिससे पूर्वोत्तर में चलाई जाने वाली ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा यात्री और माल ले जाने वाली ट्रेनें इन खंडों के माध्यम से तेज गति से जल्द से जल्द अपना काम पूरा कर सकेंगी। रेलवे के मुताबिक, अब दूसरे राज्यों से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा खींची जाने वाली माल ढुलाई और पार्सल ट्रेनें सीधे मेगालय तक पहुंच पाएंगी।

ट्रेनों की गति में काफी सुधार-

रेलवे के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन के आने से पूर्वोत्तर भारत में ट्रेनों की गति में काफी सुधार आएगा। जीवाश्म ईंधन से चलने के बाद अब बिजली की ओर बढ़ने से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी, इसके साथ ही मेघालय में रेलवे प्रणाली की दक्षता में भी सुधार आएगा। इसे समय से आने जाने में भी सुविधा होगी, इसके साथ ही विदेशी मुद्रा की बचत के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में आने जाने वाली ट्रेनों के समय की बचत भी होगी।

गौर फरमाएं- जानें: अयोध्या में राम मंदिर का कार्य कितना हुआ पूरा, कब स्थापित की जाएगी श्री राम की प्रतिमा?

भारत में सबसे पहली इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन-

रेल मंत्रालय ने 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन (Carbon emission) प्राप्त करने के साथ ही अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का लक्ष्य रखा है। भारत में सबसे पहली इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन 3 फरवरी 1925 को मुंबई वीटी और कुर्ला हार्वर के बीच चली थी। ट्रेन को 1500 वोल्ट डीसी (डायरेक्ट करेन्ट) पर इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया था देश आजाद होने से पहले भारत में 388 किलोमीटर डीसी इलेक्ट्रिफिकेशन था। ‌ जिसके बाद मार्च 2022 तक भारतीय रेलवे में कुल ब्रॉडगेज नेटवर्क का लगभग 45, 881 प्रतिशत रूट किलोमीटर इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा कर लिया था।

यहां भी गौर फरमाएं- Delhi-Meerut RRTS को जोड़ा जाएगा दिल्ली मेट्रो से, जानिए कौन से 4 स्टेशन हैं शामिल

ताजा खबरें