अजय चौधरी
लोग अक्सर कहते हैं की नौकरी में तनाव कम होता है और व्यापार में ज्यादा। काफी हद तक सही है क्योंकि व्यापार में जोखिम के चलते तनाव बढ ही जाता है। लेकिन जिस व्यापार में सबसे अधिक तनाव और जोखिम है उसका नाम खेती है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की ये रिपोर्ट हिला देने वाली है। आंकडे महाराष्ट्र के हैं लेकिन धीरे धीरे इसका असर राजस्थान, पंजाब मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब पर भी आ रहा है। बस यहां कोई सर्वे नहीं कर रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक सन् 2016 से लेकर अब तक 4 सालों में 46,542 किसानों की काउंसलिंग की जा चुकी है। जिनमें से 11,304 किसानों को गंभीर मानसिक बिमारी होने के चलते अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है।
वहां की विधानसभा में जून में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार 2015 से 18 के बीच 12,021 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। अकेले इस साल 600 से अधिक आत्महत्याएं हो चुकी हैं।
ऑड-इवन: महिलाओं को छूट, CNG वाहन चालकों को नहीं मिली राहतवहां की सरकार ने प्रेरणा मेंटल हेल्थ सर्विस के नाम से एक स्कीम चला रखी है। आशा वर्करों के जरिए महाराष्ट्र में सर्वे करवाया जा रहा है किसानों पर। सर्वे के अनुसार साल दर साल मानसिक रुप से बीमार किसानों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
सन् 18-19 में 14 हजार से अधिक किसान हल्के अवसाद से पीडित पाए गए हैं। 4,806 किसान मध्यम अवसाद से पीडित है और 1,111 किसान गंभीर अवसाद से पीडित हैं।
इस साल के अगस्त तक के डाटा के अनुसार 13 लाख घरों में सर्वे किया गया है और 7,761 किसानों का ईलाज किया जा रहा है।
हरियाणा: गन्नौर के देवडु गांव के लोग महंगी बिजली और चालान के बढ़े दामों से है परेशान