यूपी पुलिस के हाथ कासगंज हिंसा का एक और वीडियो लगा है। ये वीडियो 26 जनवरी का है। वीडियो में कुछ युवक हाथों में हथियार ले फायरिंग करते हुए मुस्लिम बहुल इलाके में जाते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस इस वीडियो की जांच कर रही है। हालांकि जबतक जांच नहीं हो जाती तब तक इस वीडियो के बारे में कुछ भी कहना सही नहीं होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वीडियो को स्थानीय तहसील कार्यालय की छत से शूट किया गया है। वीडियो में लड़कों के हाथ में तिरंगे के अलावा लाठी-डंडे दिख रहे हैं। वीडियो के कुछ हिस्से में गोली चलने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस इस वीडियो के सामने आने के बाद नए एंगल से पूरी हिंसा की जांच कर रही है। कासगंज में गणतंत्र दिवस पर एक युवक की हत्या होने के बाद हिंसा फैल गई थी। युवक की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ ने तीन दुकानों, दो बसों और एक कार में आग लगा दी थी। जिला प्रशासन ने कहा कि उसने जिले में तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाए। राज्य सरकार ने जिले के पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है।
वीडियो में गोली चलने की आवाज साफ सुनी जा सकती है। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टीओआई से कहा, ”यह (वीडियो में दिख रही) वही जगह है जहां चंदन गुप्ता को गोली मारी गई थी।” अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि ”वहां 50 से ज्यादा युवा थे और उनमें से एक के हाथ में भारतीय ध्वज था। कम से कम दो के पास रिवॉल्वर थी और बाकी लाठियों से लैस थे। कुछ लोग मुस्लिम आबादी वाले इलाकों की तरफ पत्थर चला रहे थे।”
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार ने मंगलवार (30 जनवरी) को कासगंज जिले की स्थिति पर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांग कर पूछा है कि प्रदेश सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए।
गृह मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के आंकड़ों के अनुसार हिंसा के आरोप में 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिले के संवेदनशील स्थानों पर पुलिस के अलावा दंगारोधी द्रुत कार्य बल को भी तैनात किया गया है।