काफी विवाद के बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज कर दी गयी। दरअसल,पिछले साल मार्च में भंसाली, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को खत्म करने के लिए भंसाली ने न्यायाधीश से फिल्म देखने का आग्रह किया था। लिहाजा, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और कुछ अन्य न्यायिक अधिकारियों के लिए सोमवार को फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी।
वीरेंद्र सिंह और नागपाल सिंह ने दीदवाना थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है और राजपूत महारानी पद्मावती की छवि खराब की गई है, जिन पर यह फिल्म आधारित है। भंसाली ने तब इस मामले को खत्म करने के लिए अदालत का रुख किया था। अदालत ने हालांकि प्राथमिकी पर रोक लगा दी थी, लेकिन इस मामले की जांच जारी रखने की अनुमति दे दी थी।
शुक्रवार की सुनवाई के दौरान निर्माता अदालत के लिए इस ऐतिहासिक फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सहमत हो गये। इस दौरान स्क्रीनिंग स्थल पर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाएगी। भंसाली के वकील निशांत बोरा ने कहा, ‘‘अदालत ने पूछा कि क्या फिल्म को राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी के स्क्रीन पर दिखाया जा सकता है। लेकिन वहां के पर्दे का रिजॉल्यूशन कम है, इसलिए हमने इच्छा प्रकट की कि फिल्म को शहर के किसी मल्टीप्लेक्स में दिखाया जाए। बोरा ने कहा कि फिल्म सोमवार को शहर के इनॉक्स अंसल रॉयल प्लाजा में दिखाई जाएगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान अदालत ने जोधपुर पुलिस आयुक्त को तलब किया जिन्होंने अदालत को सुरक्षा का आश्वासन दिया, लेकिन इंतजामों के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। बोरा ने कहा कि अदालत ने सोमवार को फिल्म की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया। अदालत अब छह फरवरी को अगली सुनवायी करेगी, जहां इस बारे में फैसला किया जाएगा कि क्या भंसाली के खिलाफ मामला निरस्त किया जाना चाहिए। इस मामले पर फिल्म पद्मावत के निर्माता राजस्थान उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के लिए इस विवादित फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग करेंगे। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और इसके दो मुख्य कलाकारों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले का निपटारा करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है।