ऐप्पल के सह संस्थापक स्टीव वॉजनिएक ने एक इंटरव्यू में भारतीय शिक्षा व्यवस्था के बारे में टिप्पणी की थी कि भारत में जॉब मिलने को सफलता कहा जाता है, लेकिन क्रिएटिविटी कहां है? स्टीव वॉजनिएक की इस टिप्पणी का भारतीय उद्योगपति ने ट्वीटर पर जोरदार जवाब दिया है उनके जवाब से सोशल मीडिया पर वायरल हुए मीम आओ कभी हवेली पर याद आ जाता है। उन्होंने लिखा कि मैं आपको सुनिश्चित करता हूं कि अगली बार जब आप भारत आएंगे आपकी सोच बदली होगी।
दरअसल पिछले दिनों स्टीव वॉजनिएक ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर राय देते हुए कहा था कि भारतीय शिक्षा व्यव्स्था पढ़ाई पर टिकी है लेकिन क्रिएटिविटी को बढ़ावा नहीं देती है। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं है कि भारत में गूगल, फेसबुक और ऐपल जैसी दुनिया बड़ी टेक कंपनियों जैसी कंपनी तैयार हो सकती है। वॉजनिएक के मुताबित भारत में उदाहरण के तौर पर एक बड़ी टेक कंपनी इनफोसिस है और वो भी इनोवेटिव नहीं है।
इंटरव्यू में सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि भारतीयों में क्रिएटिविटी की कमी है और उन्हें इस तरह के करियर के लिए बढ़ावा भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा था कि ‘यहां सफलता का मतलब ऐकेड्मिक ऐक्सेलेंस, पढ़ाई, सीखना, अच्छी जॉब और बेहतर लाइफ जीना है। क्रिएटिविटी तब खत्म हो जाती है जब आपका बिहैवियर को प्रेडिक्ट करना आसान हो जाता है सब एक जैसे हो जाते हैं। न्यूजीलैंड जैसे छोटे देश को देखिए जहां लेखक, सिंगर, खिलाड़ी हैं और यह एक अलग दुनिया है’।