केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को मौत की सजा के लिए फांसी ही बेहतर विकल्प बताया है। कोर्ट ने मंगलवार को मौत की सजा के तरीके को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि लीथल इंजेक्शन के जरिए मौत अमानवीय है। इस लिए मौत की सजा के लिए फांसी ही सुरक्षित तरीका है। केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि फांसी की सजा केवल रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में दी जाती है।
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विधायिका सजाए-मौत के मामले में फांसी के अलावा कोई दूसरा तरीका भी तलाश सकता है जिसमें मौत शांति में हो पीड़ा में नहीं। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि फांसी से मौत में 40 मिनट तक लगते हैं जबकि गोली मारने और इलेक्ट्रिक लगाने केवल 2 मिनट लगते हैं। याचिका में फांसी पर लटकाए रखने यानी ‘हैंग टिल डेथ’ का प्रावधान करने वाली सीआरपीसी की धारा 354 (5) को रद्द करने की मांग की गई थी।