पुलवामा में हुए आतंकी हमले को 43 दिन हो चुके है लेकिन भारत और पाकिस्तान के संबंधों में अभी तक कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। बता दे भारत ने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान को डॉज़ियर सौंपा था, उस पर पाकिस्तान ने कहा कि उसे अपने देश में पुलवामा हमले सें संबंधित किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन भारत ने भी पाकिस्तान के इन दावों को खारिज कर दिया है।
वही, पुलवामा हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान दोनों पुलवामा हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से सबूतों की मांग की थी। भारत के आरोप को खारिज करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये हमला कश्मीरियों द्वारा किया गया है। उन्होंने भारत से यह भी कहा कि अगर भारत सैन्य कार्रवाई करेगा, तो पाकिस्तान भी इसका जवाब देगा।
पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार करके बालाकोट पर बम गिराए। भारत सरकार का दावा था कि इस कार्रवाई की वजह से जैश के आतंकी ठिकानों को खासा नुकसान हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई में 300 से 350 आतंकी ढेर हो गए। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई।
बालाकोट की घटना के सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में हवाई सीमा पार की। हालांकि, दोनों देशों का कहना था कि इसकी वजह से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।
शक्ति प्रदर्शन के अलावा दोनों देशों ने डिप्लोमेटिक स्तर पर भी काम किया। भारत ने 27 फरवरी को पाकिस्तान को डॉज़ियर सौंपा। खबरों की माने तो, जांच करने के बाद पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा सौंपे गए डॉज़ियर में कुल 90 लोगों के नाम थे। इसमें से एक तिहाई नाम ऐसे थे, जो लिस्ट में दो बार शामिल थे। बाकी के जो फोन नंबर दिए गए थे उसके बारे में पाकिस्तान ने बताया कि उसका पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं था।
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि डॉज़ियर में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अज़हर के पुलवामा हमले से किसी तरह के लिंक के सबूत नहीं हैं। 28 मार्च को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान ने कहा कि 91 पेजों का यह डॉज़ियर छह पार्ट में बंटा हुआ है। इसमें केवल पार्ट 2 और 3 ही पुलवामा हमले से संबंधित है। बाकी के हिस्से में सामान्य आरोप लगाए गए हैं।
पाकिस्तान ने कहा कि डॉज़ियर में दिए गए नामों में से 54 पाकिस्तानियों की पहचान करके उनसे पूछताछ की गई। बाकी के लोगों का पूरा डिटेल न होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन अभी तक की सारी जांच में यह नहीं पाया गया है कि उनका किसी तरह का कोई संबंध पुलवामा हमले से है।
पुलवामा हमलों के बाद फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव पारित किया गया। मसूद अज़हर का जैश ए मोहम्मद संगठन आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है, लेकिन चीन के कारण उसे अभी तक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नहीं घोषित किया जा सका है। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के नाते चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर अब तक चार बार मसूद अजहर को बचा चुका है।
Video: रुद्रप्रयाग में एक स्कूल प्रधानाचार्य ने नशे में धुत होकर बकी गालियां
पुलवामा में हुए आतंकी हमले को 43 दिन हो चुके है लेकिन भारत और पाकिस्तान के संबंधों में अभी तक कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। बता दे भारत ने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान को डॉज़ियर सौंपा था, उस पर पाकिस्तान ने कहा कि उसे अपने देश में पुलवामा हमले सें संबंधित किसी तरह के सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन भारत ने भी पाकिस्तान के इन दावों को खारिज कर दिया है।वही, पुलवामा हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान दोनों पुलवामा हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से सबूतों की मांग की थी। भारत के आरोप को खारिज करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये हमला कश्मीरियों द्वारा किया गया है। उन्होंने भारत से यह भी कहा कि अगर भारत सैन्य कार्रवाई करेगा, तो पाकिस्तान भी इसका जवाब देगा।पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार करके बालाकोट पर बम गिराए। भारत सरकार का दावा था कि इस कार्रवाई की वजह से जैश के आतंकी ठिकानों को खासा नुकसान हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई में 300 से 350 आतंकी ढेर हो गए। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई।बालाकोट की घटना के सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में हवाई सीमा पार की। हालांकि, दोनों देशों का कहना था कि इसकी वजह से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।शक्ति प्रदर्शन के अलावा दोनों देशों ने डिप्लोमेटिक स्तर पर भी काम किया। भारत ने 27 फरवरी को पाकिस्तान को डॉज़ियर सौंपा। खबरों की माने तो, जांच करने के बाद पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा सौंपे गए डॉज़ियर में कुल 90 लोगों के नाम थे। इसमें से एक तिहाई नाम ऐसे थे, जो लिस्ट में दो बार शामिल थे। बाकी के जो फोन नंबर दिए गए थे उसके बारे में पाकिस्तान ने बताया कि उसका पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं था।पाकिस्तान ने यह भी कहा कि डॉज़ियर में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अज़हर के पुलवामा हमले से किसी तरह के लिंक के सबूत नहीं हैं। 28 मार्च को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान ने कहा कि 91 पेजों का यह डॉज़ियर छह पार्ट में बंटा हुआ है। इसमें केवल पार्ट 2 और 3 ही पुलवामा हमले से संबंधित है। बाकी के हिस्से में सामान्य आरोप लगाए गए हैं।पाकिस्तान ने कहा कि डॉज़ियर में दिए गए नामों में से 54 पाकिस्तानियों की पहचान करके उनसे पूछताछ की गई। बाकी के लोगों का पूरा डिटेल न होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन अभी तक की सारी जांच में यह नहीं पाया गया है कि उनका किसी तरह का कोई संबंध पुलवामा हमले से है।पुलवामा हमलों के बाद फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव पारित किया गया। मसूद अज़हर का जैश ए मोहम्मद संगठन आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है, लेकिन चीन के कारण उसे अभी तक अंतरराष्ट्रीय आतंकी नहीं घोषित किया जा सका है। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के नाते चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर अब तक चार बार मसूद अजहर को बचा चुका है।भले ही पाकिस्तान कहता रहा हो कि इसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। लेकिन इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी सरकार मसूद अज़हर के संपर्क में थी। उन्होंने बताया कि मसूद अजहर बीमार था। इसके कुछ समय बाद ही मसूद अज़हर के मौत की रिपोर्ट्स आने लगीं। हालांकि, जैश सरगना ने एक ऑडियो क्लिप जारी करके इसे खारिज कर दिया। इस ऑडियो क्लिप में बताया गया कि उसका पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं है।हालांकि, 29 मार्च को अमेरिका मसूद अज़हर को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाएगा। चीन इस पर फिर एक बार अड़ंगा लगा सकता है। लेकिन उसे इस बार उसे उचित कारण बताना पड़ेगा।
भले ही पाकिस्तान कहता रहा हो कि इसका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है। लेकिन इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी सरकार मसूद अज़हर के संपर्क में थी। उन्होंने बताया कि मसूद अजहर बीमार था। इसके कुछ समय बाद ही मसूद अज़हर के मौत की रिपोर्ट्स आने लगीं। हालांकि, जैश सरगना ने एक ऑडियो क्लिप जारी करके इसे खारिज कर दिया। इस ऑडियो क्लिप में बताया गया कि उसका पुलवामा हमले से कोई संबंध नहीं है।
हालांकि, 29 मार्च को अमेरिका मसूद अज़हर को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाएगा। चीन इस पर फिर एक बार अड़ंगा लगा सकता है। लेकिन उसे इस बार उसे उचित कारण बताना पड़ेगा।
Video: जयाप्रदा के आने से अब रामपुर की शामें रंगीन हो जाएंगी- फिरोज खान