आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरती प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से भारत में कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदली जा सकती है। WEF (विश्व आर्थिक मंच) की एक रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना सरकार के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही ‘सागू बागू’ योजना के पहले चरण की रिपोर्ट WEF ने जारी कर दी है। जिसके मुताबिक उसकी कृषि में नवोन्मेष के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पहले चरण में मिर्ची की खेती करने वाले 7,000 से ज्यादा किसानों की कृषि प्रौद्योगिकी सेवाओं तक पहुंच संभव बनाने में मदद की है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मृदा परीक्षण-
कृषि प्रौद्योगिकी सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मृदा परीक्षण, ई-कॉमर्स और उत्पादन गुणवत्ता परीक्षण शामिल है। यह सभी परियोजनाओं के प्रारंभिक चरण में है, राज्य सरकार की इस योजना के दूसरे चरण में 3 जिलों में 20,000 मिर्ची और मूंगफली के किसानों तक मौजूदा और अतिरिक्त कृषि तकनीकी सेवाओं को पहुंचाना है। इस परियोजना को 2022 में शुरू किया गया था और इसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के समर्थन से डिजिटल ग्रीन क्रियान्वित कर रहा है। WEF ने कहा है कि यह रिपोर्ट सरकारों को स्थानीय कृषि प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाने में और छोटे किसानों का उत्थान करने में मदद करेगी।
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कृषि मूल्य श्रंखला में महत्वपूर्ण बदलाव-
इस परियोजना को WEF ने कृषि मुख्य संख्या में बदलाव के लिए मिसाल बताते हुए कहां की नीतिगत समर्थन एवं प्रशासनिक, डिजिटल, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के जरिए किसानों के लिए कृषि प्रौद्योगिकी आपूर्ति सेवाओं को सुगम बना कर कृषि मूल्य श्रंखला में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है। तेलंगाना की सूचना प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार उद्योग और शहरी विकास मंत्री टी रामा राव का कहना है कि वह सागू बागू योजना के पहले चरण की रिपोर्ट देखकर बेहद खुश हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए किसानों को सशक्त बना सकते हैं।
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