Mutual Funds: अपनी आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए लोग लोन लेते हैं। लोन बैंक या संस्थाओं के हिसाब से लिया जाता है, जो भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं में या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। वह म्युचुअल फंड से भी लोन के लिए क्लेम कर सकते हैं। म्युचुअल फंड से लोन लेने पर आपसे प्रोसेसिंग फीस से लेकर ब्याज तक का चार्ज लिया जाता है। अगर आप म्युचुअल फंड से लोन ले रहे हैं तो आपको इसके बारे में सब कुछ जान लेना चाहिए।
क्रेडिट स्कोर-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नाबालिग को म्युचुअल फंड के तहत लोन नहीं दिया जा सकता। बैंक या फाइनेंशियल संस्थान लोन की राशि का टेन्योर और ब्याज दर बैंक की तरफ से तय किया जाता है। इसके साथ ही लोन की राशि क्रेडिट स्कोर और अन्य फैक्टर पर भी निर्भर करती है। व्यक्तिगत निवेशक, एनआरआई, कंपनी, अन्य म्युचुअल फंड्स, HUF और ट्रस्ट के तहत लोन प्राप्त कर सकते हैं।
क्रेडिट सुविधा-
म्युचुअल फंड से लोन, जैसे कि नाम से ही पता चल जाता है कि यह एक क्रेडिट सुविधा है। जिसे आप अपनी म्युचुअल फंड यूनिट को गिरवी रखकर ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड के बदले लोन लेने पर आपको यूनिट्स को बेचना नहीं होता। इससे छोटी अवधि में पैसे की जरूरत पूरी होती है। बेकार पड़े म्युचुअल फंड निवेश का लाभ मिलता है। पर्सनल लोन के मुकाबले म्युचुअल फंड पर लिए गए कर्ज पर ब्याज की दर काफी कम होती है।
नेट ऐसेट वैल्यू-
इक्विटी म्युचुअल फंड्स के मामले में आपका नेट ऐसेट वैल्यू के 50 फ़ीसदी तक का लोन मिल सकता है। वहीं फिक्स्ड इनकम वाले म्युचुअल फंड पर नेट एसेट वैल्यू का 70 से 80 सीसीडी फीसदी तक लोन लिया जा सकता है। म्युचुअल फंड पर लोन लेने के लिए आपको किसी बैंक या वित्तीय संस्था से कांटेक्ट करना होगा। कई जगह आपको इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा मिल जाती है। ऑनलाइन अप्लाई करने की प्रक्रिया काफी आसान होती है और इससे आपको लोन भी जल्द ही मिल जाएगा।
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बैंक और म्युचुअल फंड से लोन लेना-
म्युचुअल फंड पर लोन लेना पर्सनल लोन की तुलना में आपके लिए फायदेमंद का सौदा हो सकता है। अगर इनकी ब्याज दरों की बात की जाए तो मौजूदा समय में SBI के पर्सनल लोन पर आपका ब्याज दर 11.00 फीसदी से शुरू किया जा रहा है। वही एसबीआई के म्युचुअल फंड पर लोन की ब्याज दर 8.50 फीसदी से शुरू होती है। बाकी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों में भी इसी तरह का अंतर देखा गया है।
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