Farmer Protest: बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के बीच एक बड़ा फैसला सुनाया। सरकार ने गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 25 बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चीनी मिलों के किसानों को गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आने वाले गान्ना सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में मूल्य निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है। साल 2024-25 के लिए मूल्य 340 रुपए प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है, जो कि पिछले साल 315 रुपए था।
गन्ना किसानों के हितों का ध्यान-
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए, अधिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति में चीनी सत्र 2024-25 के लिए गन्ने की उचित और लाभकारी मूल्य को 10.25% तक मूल रिकवरी दर को 340 रुपए प्रति क्विंटल पर मंजूरी दी है। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जो मिलो को गन्ना उत्पादकों को चुकानी पड़ती है। गन्ने का कीमत बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों के मंत्रिमंडल समिति की बैठक में लिया गया है।
किसान आंदोलन को लेकर सवाल-
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से किसान आंदोलन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि दुनिया में खाद के दाम बड़े हैं लेकिन हमने इसके बावजूद खाकर राम किसानों के लिए नहीं बढ़ने दिए। 3 लाख करोड रुपए तक की सब्सिडी दी। यूपी सरकार ने 10 साल में गेहूं, धान, तिलहन और दलहन पर 5.30 लाख करोड रुपए एमएसपी की खरीद पर खर्च किया है।
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18 लाख 39,000 करोड रुपए खर्च-
मोदी सरकार में 18 लाख 39,000 करोड रुपए खर्च हुए हैं। सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगी। उनका कहना है कि सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में विदेशी एवं निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रयासों के तहत उपग्रह के उपकरण बनाने और 100% विदेशी निवेश के अनुमति देकर अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्येक विदेशी निवेश मानदंडों को आसान बना दिया है।
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