इसरो साल 2021 तक पहली बार सैटेलाइट से कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। इसरो चेयरमैन के सिवन ने इस बात का ऐलान बेंगलुरू में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी है। आपको बता दे कि अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा।
प्रेस कांफ्रेंस में सिवन ने कहा कि हम पूरे देश में छह ऊष्मायन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करेंगे। हम भारतीय छात्रों को इसरो में लाएंगे। भारतीय छात्रों को नासा जाने की आवश्यकता क्यों है।
ISRO Chief K Sivan: We will set up six incubation and research centres across the country. We will bring the Indian students to ISRO. Why do the Indian students need to go to NASA? pic.twitter.com/nOdqSeWbsp
इसरो साल 2021 तक पहली बार सैटेलाइट से कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। इसरो चेयरमैन के सिवन ने इस बात का ऐलान बेंगलुरू में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी है। आपको बता दे कि अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा।प्रेस कांफ्रेंस में सिवन ने कहा कि हम पूरे देश में छह ऊष्मायन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करेंगे। हम भारतीय छात्रों को इसरो में लाएंगे। भारतीय छात्रों को नासा जाने की आवश्यकता क्यों है।साथ ही, उन्होंने गगनयान के बारे में बात करते हुए कहा कि गगनयान के लिए भारत में होने वाली ट्रेनिंग पूरी कर ली गई है लेकिन आगे की ट्रेनिंग के लिए अंतरिक्ष यात्री रूस जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए हम चाहते हैं कि किसी महिला को भेजा जाए लेकिन यह ट्रेनिंग पर निर्भर करेगा। फिलहाल महिला और पुरुष दोनों को ही ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए किसी भी विदेशी एजेंसी की मदद नहीं ली जाएगी, आखिरी चरण में किसी विदेशी एजेंसी को जरूर शामिल किया जा सकता है।खबरों के अनुसार, इसरो प्रमुख के सिवान ने बताया कि इस साल हमने 2 GSLV और MK-3 लॉच किए हैं, इसके अलावा सबसे भारी सेटेलाइट जीसैट-11 भी लॉन्च किया गया। इसरो के मुताबिक उनके पास 158 प्रोजक्ट हैं जिनमें से 94 को पूरा किया जा चुका है। इसरो ने जम्मू यूनिवर्सिटी में एक साइंस सेंटर की भी स्थापना की है।के सिवान ने बताया कि इसरो के लिए कुल 30 हजार करोड़ की रकम को मंजूरी दी गई है जिसमें सिर्फ गगनयाद के लिए 10 हजार 600 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस पैसे को अगले कुछ साल में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा इसरो ने इस साल करीब 20 हजार नौकरियां भी दीं और 80 फीसदी पैसे का इस्तेमाल उद्योगों में किया गया है।खबरों की माने तो, इसरो चीफ ने बताया कि यह मिशन हमारे लिए काफी अहम है क्योंकि हम गगनयान में एक इंसान को स्पेस में भेजेंगे और यान के जरिए ही वापस धरती पर लाएंगे। इस प्रक्रिया के दो पहलू हैं मानव और इंजीनियरिंग। उन्होंने बताया कि इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक नया सेंटर भी स्थापित किया गया है। सिवान ने कहा कि यह साल गगनयान के लिए काफी अहम है क्योंकि दिसंबर 2020 में पहला मिशन और जुलाई 2021 में दूसरा मिशन तैयार होगा, इसे पूरा करने के बाद दिसंबर 2021 में गगनयान मिशन होगा। अगले साल के लिए कुल 32 मिशन प्लान किए गए हैं, जिसमें 14 लॉन्च व्हिकल से जुड़े हैं।
— ANI (@ANI) January 11, 2019
साथ ही, उन्होंने गगनयान के बारे में बात करते हुए कहा कि गगनयान के लिए भारत में होने वाली ट्रेनिंग पूरी कर ली गई है लेकिन आगे की ट्रेनिंग के लिए अंतरिक्ष यात्री रूस जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मिशन के लिए हम चाहते हैं कि किसी महिला को भेजा जाए लेकिन यह ट्रेनिंग पर निर्भर करेगा। फिलहाल महिला और पुरुष दोनों को ही ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए किसी भी विदेशी एजेंसी की मदद नहीं ली जाएगी, आखिरी चरण में किसी विदेशी एजेंसी को जरूर शामिल किया जा सकता है।
ISRO Chief K Sivan: The inital training for Gaganyaan will be done in India and advanced training maybe in Russia. Women astronauts will be there on the team. That's our aim. pic.twitter.com/rKJbfKfmtV
— ANI (@ANI) January 11, 2019
खबरों के अनुसार, इसरो प्रमुख के सिवान ने बताया कि इस साल हमने 2 GSLV और MK-3 लॉच किए हैं, इसके अलावा सबसे भारी सेटेलाइट जीसैट-11 भी लॉन्च किया गया। इसरो के मुताबिक उनके पास 158 प्रोजक्ट हैं जिनमें से 94 को पूरा किया जा चुका है। इसरो ने जम्मू यूनिवर्सिटी में एक साइंस सेंटर की भी स्थापना की है।
के सिवान ने बताया कि इसरो के लिए कुल 30 हजार करोड़ की रकम को मंजूरी दी गई है जिसमें सिर्फ गगनयाद के लिए 10 हजार 600 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस पैसे को अगले कुछ साल में खर्च किया जाएगा। इसके अलावा इसरो ने इस साल करीब 20 हजार नौकरियां भी दीं और 80 फीसदी पैसे का इस्तेमाल उद्योगों में किया गया है।
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खबरों की माने तो, इसरो चीफ ने बताया कि यह मिशन हमारे लिए काफी अहम है क्योंकि हम गगनयान में एक इंसान को स्पेस में भेजेंगे और यान के जरिए ही वापस धरती पर लाएंगे। इस प्रक्रिया के दो पहलू हैं मानव और इंजीनियरिंग। उन्होंने बताया कि इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक नया सेंटर भी स्थापित किया गया है। सिवान ने कहा कि यह साल गगनयान के लिए काफी अहम है क्योंकि दिसंबर 2020 में पहला मिशन और जुलाई 2021 में दूसरा मिशन तैयार होगा, इसे पूरा करने के बाद दिसंबर 2021 में गगनयान मिशन होगा। अगले साल के लिए कुल 32 मिशन प्लान किए गए हैं, जिसमें 14 लॉन्च व्हिकल से जुड़े हैं।
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