कोरोना के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसने लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है। वहीं राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले अभी पूरी तरह से कंट्रोल में है। हालांकि इतने मामले सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से कोरोना टेस्टिंग में इजाफा किया गया है। दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 11 नए मामले सामने आए थे। अभी दिल्ली में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 51 है और अब तक कुल मरीजों की संख्या 20,14,467 हो चुकी है। सर्दियों सीजन में दिल्ली में कोरोना की वजह से किसी की मौत की पुष्टि अभी नहीं हुई है। जब से कोरोना के मामले आए हैं, तब से समय-समय पर इसमें वेरिएंट में बदलाव होता रहा है। अब दिल्ली में भी कोरोना के ओमनिक्रोन वेरिएंट के सब वेरिएंट JN1 की पुष्टि की गई है।
एक्सपर्ट का कहना है-
हालांकि मरीज इलाज के बाद ठीक हुए हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में नए वेरिएंट का संक्रमण बढ़ जाए। यह पुराने वेरिएंट की जगह ले सकता है। लेकिन इसमें मरीज में कोई गंभीर बीमारी नहीं है। दुनिया में जहां भी यह वेरिएंट पाया गया है, कहीं से भी अभी तक सीरियस बीमारी का खतरा नहीं पाया गया है। लेकिन इसके बाद भी हमें कोविड बिहेवियर का पालन करना होगा।
बचाव का तरीका-
सर्दी के मौसम में कई तरह के वायरस आमतौर पर फैलते हैं। अगर बचाव का तरीका अपनाया जाए, तो बाकी वायरस से भी सुरक्षा मिलेगी और हम कोरोना को बढ़ाने से भी रोक सकते हैं। इसीलिए कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाना जरूरी है। दरअसल जब भी कोई नया वेरिएंट फैलता है तो हर किसी को संक्रमण होने का खतरा रहता है, जो लोग हार्ट, कैंसर, किडनी फेल, जैसी समस्याओं की वजह से अस्पताल में एडमिट है, उन्हें खतरा ज्यादा हो सकता है।
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अन्य बीमारी की वजह से-
उनकी मौत अन्य बीमारी की वजह से हो लेकिन जांच में अगर मरीज को कोविड पॉजिटिव पाया जाए, तो उन्हें कोविड से होने वाली मौत में शामिल किया जाता है। अभी जो मौत के मामले सामने आ रहे हैं, इस वजह से RTPCR टेस्ट से कोविड का पता चलता है। संक्रमण है तो पॉजिटिव नहीं तो नेगेटिव। jn1 वेरिएंट इस टेस्ट से पता नहीं चलता इसके लिए सीक्वेंसिंग की जरूरत होती है, जिसमें सैंपल की जांच की जाती है, इसमें वेरिएंट का पता चलता है।
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