चण्डीगढ़, 27 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उत्साह को जागृत करने, समाज को नवनिर्माण का संदेश देने वाले और देश के युवाओं में क्रांति की लौ भरने वाले क्रांतिकारी मुनिश्री तरूण सागर पूरे समाज के लिए उत्प्रेरक हैं। हमें उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल आज पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में अपने कड़वे प्रवचनों के लिए विख्यात मुनि तरूण सागर द्वारा रचित पुस्तक ‘कड़वे प्रवचन’ के राज संस्करण और डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित ‘जीओ और जीने दो’ कामिक्स के विमोचन के अवसर पर उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते रहे थे। उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें समाज के उत्थान और नवनिर्माण के लिए उपयोगी साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी के सामने उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि स्वामी जी के ज्ञान में तेजस्व है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के साथ उनकी पहले दो बार मुलाकात हुई है तथा आज तीसरी बार उन्हें तरूण सागर जी महाराज से मिलने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि 13 वर्ष की आयु में साधु का रूप धारण करने वाले ऐसे क्रांतिकारी संत समाज के उत्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने 33 वर्ष की आयु में लालकिला से अपना सम्बोधन दिया।
मनोहरलाल ने कहा कि स्वामी जी के संदेशों में हमेशा देश भक्ति का भाव भरा रहता हैं इनके सम्बोधनों में जिस तरह की क्रांतिकारी भाषा का प्रयोग किया जाता है, उससे जीवन में काम करने की प्रेरणा और जीवन सफल बनाने का मंत्र मिलता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इनकी वाणी से लोगों को ज्ञान का अपार भंडार मिलेगा।
कार्यक्रम में बोलते हुए मुनिश्री तरूण सागर जी ने कहा कि संसार में दर्द एक है, पर उसे सहने के तरीके अलग-अलग हैं। बात एक है, पर उसे कहने के तरीके भी अलग-अलग हैं। मौत एक है, पर मरने के तरीके भी अलग-अलग हैं। जिंदगी एक है पर उसे जीने के तरीके भी अलग-अलग हैं। कोई तो जीवन को तीर्थ मानकर जीता है और कोई तमाशा बनाकर जीता है।
तरूण सागर महाराज ने कहा कि दर्जी कपड़े को काटता है और चूहा भी कपड़े को काटता है। दर्जी कपड़े को काटकर कपड़े का उद्घार करता है, परन्तु चूहा कपड़े को काटकर उसका बंटाधार कर देता है। महाराज ने कहा कि अपने स्वभाव को बदलिए-अपनी सोच को बदलिए तथा अपनी आदतों को बदलिए, यही मेरा आपसे परामर्श है। परिवार में कलह-झगड़ा त्याग कर अपने नजरिए, स्वभाव, देखने-सोचने के ढंग को बदलिए। मैं आज यहां आपके बीच में बदला लेने के लिए नहीं, बल्कि स्वभाव बदलने के लिए आया हूँ। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आता है तो दस व्यक्तियों के जीवन में परिवर्तन होगा और यदि दस आदमियों के जीवन में सुधार आएगा तो सौ आदमियों के जीवन में सुधार आएगा।
उन्होंने भगवान महावीर के जीवन पर भी प्रकाश डाला और कहा कि वस्त्रों और आभूषणों की मैचिंग के साथ-साथ स्वभाव की भी मैचिंग कीजिए। अपनी सोच और चिंतन को बदलना बहुत जरूरी है।
इस मौके पर परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, विधायक रोहिता रेवड़ी के अतिरिक्त जैन समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पूरे समाज के लिए उत्प्रेरक हैं मुनिश्री तरूण सागर : खट्टर
Dastak India Editorial Team
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