
पूर्व मंत्री कप्तान अजय यादव ने हरियाणा बचाओं संघर्ष समिति के बैनर तले अलग से राजनीति करने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि उनका कहना है कि वे कांग्रेसी है और कांग्रेसी रहेगें। कांग्रेस में चल रही गुटबाजी पर उन्होने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होने कहा कि जिस तरह जाट आंदोलन के दौरान पुलिस व सैना को फायरिंग करने के आदेश नहीं दिए गए थे, इससे साफ है कि उन पर किसी बड़े नेता व मंत्री का हाथ था। भाजपा के दो सांसद भी कह चुके है कि इस सारे प्रकरण के पीछे दो मंत्रियों की भूमिका रही है। जनता जानना चाहती है कि आखिर वे दो मंत्री कौन है। प्रकाश आयोग की रिर्पोट के आधार पर सरकार केवल छोटे कर्मचारियों व अधिकारियों को ही बलि का बकरा बना रही है, जबकि बड़ी मछलियां अभी बहार है। उन्होने कहा कि जिस आयोग को लेकर सरकार ने आरक्षण देने का फैसला लिया था, वह भी नकली रिर्पोट है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। दोषी को सजा मिले और पीडि़त को मुआवजा उनकी यही मांग है। २९ मई को वह सुबह दस बजे ३६ बिरादरी के लोगों के साथ जन्तर-मन्तर पर धरना देगें और हरियाणा बचाओं संघर्ष समिति के बेनर तले प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंप कर आंदोलन की आड में हुई हिंसा व मुरथल कांड की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीश से कराने की मांग करेगें। भूपेन्द्र हुड्डा द्वारा विधायकों की सोनिया गांधी के समक्ष परेड कराने के मामलें में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए कप्तान ने कहा कि उनकी नेता सोनिया गांधी है और हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर व सीएलपी नेता किरण चौधरी ही उनके द्वारा बनाए गए पदाधिकारी है। इसके अलावा वे किसी को नेता नहीं मानते।
स्वागत समारोह में मुख्यरूप से प्रधान राव हुकुमचंद लांबा , राव धर्मपाल यादव, राव दिलीप सिंह, राव सतीश, राव गुलाब सिंह, मेघराज नगर, रोहतास यादव , वेदराम सैनी ,राव रघुवीर , राव चन्द्रभान ,राव जोगिन्दर यादव पूर्व प्रधान,राव राकेश , राव सुनील,राव भूपेंदर सिंह,ज्ञानी राम यादव,नवाब यादव,प्रधान मुकेश यादव,छिप्ररौला के सरपंच वेद, शेर सिंह डगर धतिर और राव महेंदर पूर्व पार्षद सहित सैकडों यादव समाज के लोग मौजूद रहे।।