फरीदाबाद, 5 जुलाई – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के मानविकी एवं विज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ के सहयोग से ‘पर्यावरण विकास एवं स्थिरता’ विषय पर एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलेपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने किया।
विश्वविद्यालय के मानविकी एवं विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. राज कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य विकास और पर्यावरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना तथा सतत विकास हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जानकारी एवं सहयोग हासिल करने के लिए प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम का संयोजन सहायक प्रोफेसर डॉ. रेणुका गुप्ता एवं ज्योति ग्रोवर द्वारा किया जा रहा है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने पर्यावरण विकास में निरंतरता लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं विकास के लिए सभी को एकजुट प्रयास करने की आवश्यकता है और ऐसे प्रयासों में जीवन शैली में कुछ बदलाव भी जरूरी है। उन्होंने रेडिएशन उत्पन्न करने वाले मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अत्याधिक उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे न सिर्फ पर्यावरण अपितु स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ते है।
रूड़की इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, शामली में निदेशक (अनुसंधान एवं विकास) डॉ. एच. एन. दत्ता कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता रहे। उन्होंने एयर-फोटोग्राफी व रिकटर स्केल पर 5.0 स्तर के बड़े भूकंप की पूर्वगामी सूचना देने वाले सोडार सिस्टम पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम को एनआईटीटीटीआर, चंड़ीगढ़ से हिम्मी गुप्ता ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र को टीईआरआई विश्वविद्यालय, दिल्ली में प्राकृतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुरेश जैन ने संबोधित किया तथा वायु प्रदूषण, परिवहन तथा स्वास्थ्य जैसे पर्यावरण से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने शैक्षणिक परिसरों में कार्बन तटस्थता विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया।
एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्य हिस्सा ले रहे है।