केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में 2017 का आम बजट पेश किया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जब संसद की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही स्थगित करने की मांग की गई। हालांकि इस मांग को स्पीकर ने संवैधानिक परंपरा का हवाला देकर ख़ारिज कर दिया गया। सांसद के निधन की वजह से गुरुवार को संसद नहीं चलेगी नोटबंदी की वजह से अधिक टैक्स जमा हुआ है, इतना टैक्स पहले कभी जमा नहीं हुआ। इसका मुनाफा बजट पेशकश मे टैक्स देने वालों को राहत मिली और टैक्स कम कर दिया गया। रेलवे की तीन बड़ी कंपनियों आईआरसीटीसी, आईआरएफ़सी और इरकॉन के शेयर बाज़ार में लाए जाएंगे। साथ ही यात्रियों की सुरक्षा पर सरकार एक लाख करोड़ की राशि खर्च करेगी।
गर्भवती महिलाओं के खाते में 6 हज़ार रुपए दिए जाएंगे, जो प्रधानमंत्री पहले ही घोषित कर चुके थे। सरकार पाँच साल में किसानों की आय दोगुना कर देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी बिल पारित कराना सरकार के दो बहुत बड़े आर्थिक सुधार थे जिनका अच्छा परिणाम देशवासियों को आने वाले दिनों में दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि भारत का विकास तेज़ी से हो रहा है और दूसरे उभरते देशों की तुलना में भारत की विकास दर काफ़ी अच्छी है। उनका कहना था कि भारत दुनिया में एक तरह की कमज़ोरी के बावजूद ‘ब्राइट स्टार’ की तरह उभर रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले दो साल में एक करोड़ नए घर बनाए जाएंगे। भाषण की शुरुआत में अरुण जेटली ने कहा कि “नोटबंदी एक बोल्ड और साहसिक फ़ैसला था जो जनहित में लिया गया था। अब हमारा जीडीपी स्पष्ट, ईमानदार और बड़ा होगा”। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का “अर्थव्यवस्था पर मामूली और अल्पकालिक असर होगा, बैंक अब अधिक लोन दे पाएँगे और समाज के हर तबके का विकास होगा।”