आईसीएससी बोर्ड से संबधित स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे अब परीक्षा के बाद अपनी आंसर बुक हासिल कर सकते हैं और रि-चैकिंग के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं। केंद्रीय सूचना आयोग ने अब बोर्ड को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में ला दिया है।
आयोग की ओर से यह फैसला उस वक्त लिया गया जब एक परीक्षार्थी के पिता ने अपने बेटे की आईसीएसई परीक्षा की आंसर शीट मांगी थी। परीक्षार्थी कौशिक के पिता ने अपने बेटे की उत्तर पुस्तिका की वापस जांच करने के लिए आवेदन किया था, लेकिन बोर्ड के नियमों के अनुसार 4000 रुपये की फीस देकर आप नंबरों का वेरिफिकेशन करवा सकते हैं।
वहीं नए नियमों के अनुसार अब विद्यार्थी अपनी आंसर बुक भी हासिल कर सकेंगे और रि-मूल्यांकन के लिए भी अप्लाई कर सकेंगे। सीआईसी ने कहा है कि सीआईएससीई जैसे परीक्षा करवाने वाले बोर्ड का सिर्फ प्रश्न पत्र पर ही निजी अधिकार होता है जबकि उनके पास आंसर बुक पर कोई अधिकार नहीं है। आदेश में ये भी कहा गया है कि उत्तर पुस्तिका दिखाए बिना बोर्ड सही जांच के लिए विद्यार्थियों को आश्वस्त नहीं कर सकता है।
यह आदेश हाईकोर्ट के उन आदेशों के बाद आया है जब कहा गया था कि सीआईएससीई कोई सार्वजनिक संस्थान नहीं है। वहीं सीआईसी ने कहा है कि यह मामला सार्वजनिक संस्थान का नहीं बल्कि जवाबदेही का है। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को भी आंसर शीट दिखाने का निर्देश दिया था, जब कोई रि-मूल्यांकन की मांग कर रहा हो।