अजय चौधरी ||
गर्मीयों की छुट्टीयों के खत्म हो जाने के बाद रोहताश कॉलेज के गेट पर अपने जिग्री दोस्त दिनेश का इंतजार कर रहा था। थोडी देर बाद एक सफेद कलर की फोर्च्यूनर आकर रुकती है। गाडी में उसका दोस्त दिनेश सफेद कपडों में उतरता है।
रोहताश चौंकते हुए वाह भाई दिनेश क्या बात है, फोर्च्यूनर ले आया। पर कैसे भाई? दिनेश रोहताश की तरफ रहम भरी नजरों से देखते हुए और छाती चौडी कर बोला, हां भाई किल्ले बिके हैं। रोहताश मन ही मन सोच रहा था कि किसान की जमीन ही तो उसका सबकुछ होता है। वो ही बेच दी। पर चलो अब ये किसान एनसीआर में आ गए हैं पहले वाले किसान कहां हैं। रोहताश दिनेश की ओर देखता है और चेहरे पर मुस्कान लाकर कहता है “सही है भाई”। चल आ तुझे गाडी में घूमता हूं, अब देख तेरा भाई सारे हवाबाजों की हवा निकाल देगा- दिनेश रोहताश से गाडी के हैंडल पर हाथ मारते हुए कहता है।
कुछ दिन बाद दिनेश रोहताश से- भाई एक फोन भी लेना है ढंग का, या फोन म मेमोरी कम पडे है। दोनों दोस्त फोन लेने के लिए निकल पडते हैं। अबतक अपने कस्बे की मोबाईल दुकान में न जाने वाले आज शहर के बडे मॉल में क्रोमा स्टोर पर पहुंचते हैं। हाथ सीधे आईफोन पर पडता है। वहां फोमर्ल ड्रेस में टाई लगा कर खडे सेल्समैन को अवाज लगाकर दिनेश कहता है – भाई न्यू कु आ, यो कैसे चलेगा एकबार या का कैमरा चला क दिखा। सेल्समैन, सर यहां से ओपन होगा। दिनेश, पर या म तो धुंधला सा दिखे है। सैल्समैन सर स्क्रीन पर किल्क कीजिए वो फोकस नहीं ले पा रहा। हां अब ठीक है। पेयमेंट काउंटर पर जब कैशियर दिनेश से पूछता है सर कैश या डेबिट कार्ड। दिनेश अपनी एंटी में से दो गड्डी निकाल उसकी टेबल पर रख देता है।
कुछ दिनों बाद रोहताश और दिनेश फिर से गाडी में जा रहे थे। आगे चेकिंग चल रही थी। पुलिसकर्मी ने हाथ दिया, गाडी रुकी दिनेश हाथ में आईफोन लिए नीचे उतरा, पुलिसकर्मी से- भाई स्टाफ है। पुलिसकर्मी वहां साहब बैठे हैं आप साहब को गाडी के पेपर चैक कराएं। दिनेश अब माथे में तोडी डाल कर अपनी फोर्च्यूनर ले निकल लिया था। दिनेश रोहताश से भाई कुछ कमी है। क्या कमी है भाई-रोहताश अपनी सीट पर तीरछा बैठते हुए बोला। न्यू बता वो भाजपा का झंडा कहां से मिलेगा, दिनेश टेंशन में पूछता है। वो भप्पी कोलोनी में कार डेकोरेटर है न उसपर, पर भाई तेरे पापा तो पक्के कांग्रेसी है, रोहताश जवाब देते हुए सवाल पूछता है। पर हवा तो भाजपा के झंडे से बनेगी मामा- दिनेश रोहताश को जवाब देते हुए। रोहताश सोचते हुए गहन मुद्रा में चला जाता है।

अब फोर्च्यूनर पर भाजपा का झंडा आ चुका है। दिनेश गाडी चलाते हुए रोहताश के पैर पर हाथ मारते हुए कहता है, अब सही है….
अब पुलिसकर्मी को यही जवाब मिलता है “मंत्री जी की गाडी है”।