जाने-माने भारतीय-अमरीकी अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। पनगढ़िया को जनवरी 2015 में नीति आयोग का पहला उपाध्यक्ष बनाया गया था।
केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में योजना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह के कार्यालय ने पनगढ़िया के इस्तीफ़े की पुष्टि की है।
1 जनवरी 2015 को भारत सरकार द्वारा गठित नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर ट्रांसफ़ॉर्मिंग इंडिया) ने योजना आयोग की जगह सरकार के प्रमुख नीति परामर्श संस्था के रूप में योजना आयोग की जगह ली थी।
भारतीय प्रधानमंत्री के प्रमुख वित्तीय सलाहकारों में से एक बनने से पहले पनगढ़िया कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे और सूत्रों के मुताबिक वो यहीं वापस लौटना चाहते हैं।
पनगढ़िया को नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल का समर्थक समझा जाता है। उन्होंने 2014 के आम चुनावों से पहले गुजरात के विकास मॉडल के पक्ष में लेख लिखे थे।
अरविंद पनगढ़िया राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की आर्थिक सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं और राजस्थान में हुए श्रम सुधारों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अरविंद पनगढ़िया ने 1970 के दशक में राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीए और एमए किया था और प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की।
वो एशियन डेवेलपमेंट बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री भी रह चुके हैं और विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर चुके हैं।