हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों की लापरवाही से अनीश नामक प्रशिक्षु इलेक्ट्रिशियन की मौत हो गई। आरोप है कि अधिकारियों ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए अनीश को 25 हजार किलोवॉट की लाईन को ठीक करने के लिए खंबे पर चढा दिया। बिजली के तेज झटके से प्रशिक्षु खंबे से नीचे आ गिरा उसे गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता की शिकायत पर थाना सूरजकुंड पुलिस ने मेट्रो के महाप्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक राजस्थान के झुनझुनू जिले के रहने वाले हरिसिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह वहां अपने परिवार के साथ रहता है। उसके बेटे अनिश ने इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा किया हुआ था। पिछले दिनों अनिश की नौकरी मेट्रो रेल में इलेक्ट्रिशियन के पद पर लग गई। नौकरी लगने के बाद अनिश को 20-25 दिन की बेसिक ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद उसकी छह महीने की जॉब ट्रेनिंग चल रही थी। छह महीने का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उसे प्रमाणपत्र मेट्रो रेल निगम की तरफ से जारी किया जाना था। जिसके बाद उसे काम करने के इजाजत दी जानी थी। इन दिनों अनिल की ड्यूटी सेक्टर 28 मेट्रो स्टेशन पर थी। अन्य दिनों की तरह बृहस्पतिवार को भी अनिश रात की शि ट पर काम पर गया हुआ था। उसी दौरान 25 हजार किलोवॉट की लाइन में कुछ खराबी आ गई।
मेट्रो के जीएम विवेक अग्रवाल और एजीएम पकंज गुप्ता ने सभी नियम एवं कायदों को ताक पर रख कर अनिल को लाइन ठीक करने के आदेश दिए। अनिश ने उन्हें बताया था कि अभी उसका प्रशिक्षण चल रहा है। लेकिन इन दोनों ने उसकी सुने बिना उसे पॉल पर चढ़ दिया। लाइन में तेज रहे तेज करंट की चपेट में आकर अनिश गंभीर रूप से झुलस गया और सीधा जमीन पर आ गिरा। उसे तुरंत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया। पता चलते ही वह भी अस्पताल पहुंच गया। जहां अनिश ने अपने अधिकारियों की हरकत के बारे में उसे बताया था। अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार को अनिश की मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।