“सत्ता का खेल तो चलेगा। सरकारें आएंगी जाएंगी। पार्टियां बनेंगी, बिगडेंगी। मगर ये देश रहना चाहिए, इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए”– अटल बिहारी वाजपेयी
अजय चौधरी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 93 वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाईन का उद्घाटन किया। इस ट्रेन से दिल्ली नोएडा और फरीदाबाद की दूरी कितनी घट रही है वो तो आपको सब बता ही रहे हैं मगर राजनीति की दूरी कितनी बढ रही है वो आपको हम बताते हैं।
दरअसल मजेंटा लाईन के उद्घाटन समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नहीं बुलाया गया। यहां तक की डीएमआरसी को भी इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं रखा गया। इससे पहले ऐसे सारे कार्यक्रम डीएमआरसी आयोजित करता रहा है। इस कार्यक्रम को पीएमओ ऑफिस,शहरी विकास मंत्रालय और उत्तरप्रदेश सरकार ने मिलकर किया। जबकि इस लाईन के नौ में से सात स्टेशन दिल्ली में आते हैं और दिल्ली सरकार की केंद्र के साथ इसके निर्माण में बराबर की हिस्सेदारी है। बावजूद इसके इस कार्यक्रम से दिल्ली सरकार को दूर रखा गया। दिल्ली मेट्रो के फरीदाबाद विस्तार के समय भी ऐसा ही हुआ था। तब भी प्रधानमंत्री मोदी ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाई थी। तब केजरीवाल ने उन्हें न बुलाए जाने पर विरोध दर्ज कराया था। वो फिर भी मेट्रो का हरियाणा में विस्तार था लेकिन मेजेंटा लाईन तो 90 प्रतिशत दिल्ली में ही है।

24 दिसंबर 2002 को जब दिल्ली में मेट्रो के पहले चरण शहादरा से तीस हजारी कॉरीडोर का उद्घाटन किया गया तो उस समय केंद्र में भाजपा और दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी। ऐसे में वाजपेयी ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और दिल्ली की मुख्यमंत्री शिला दिक्षित के साथ दिल्ली मेट्रो की पहली यात्रा कर मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन किया। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार अपनी इस महान हस्ती के जन्मदिन पर उसका अनुसरण करने में नाकाम रही। अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी राजनीति में कभी विरोधी दल के नेता को किनारा करने की कोशिश नहीं की। हमेशा अहसमति की जगह बनाई रखी। अटल के कुशल नेतृत्व का फायदा भाजपा अब तक उठा रही है और उनके दिखाए कदमों पर चलने की बात करती रहती है।
इस समय अटल बिहारी वाजपेयी का संसद में दिया गया एक भाषण काफी वायरल हो रहा है। जिसमें वो बता रहें कि कैसे नरसिंह राव सरकार ने उन्हें विरोधी दल के नेता के नाते जनेवा भेजा था। जिसे देखकर पाकिस्तानी हैरत में पड गए और कहने लगे ये कहां से आ गए। क्योंकि उनके वहां विरोधी नेता राष्ट्र हित के काम में शामिल नहीं होता वो हर वक्त सरकार को गिराने के काम में लगा रहता है। ये हमारी परंपरा नहीं है ये हमारी प्रकृति नहीं है। मैं चाहता हूं कि ये परंपरा बनी रहे प्रकृति बनी रहे। सत्ता का खेल तो चलेगा। सरकारें आएंगी जाएंगी। पार्टियां बनेंगी, बिगडेंगी। मगर ये देश रहना चाहिए, इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ये विचार हमें आज के परिदृश्य में सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
A visionary,statesman, an orator par excellence and the most rational politician across the political spectrum. His actions always spoke louder than his words. Happy Birthday former Prime Minister, Bharat Ratna
sh. #AtalBihariVajpayee ji pic.twitter.com/i1oPxFrXck
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) December 25, 2017