विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कुलभूषण जाधव मुद्दे पर सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कुलभूषण की फांसी हमने टलवाई और राजनायिक कोशिश के बावजूद ही परिवार को मंजूरी मिली कुलभूषण जाधव से मिलने की। हालांकि पाक ने इसको प्रोपेगेंडा बनाया। मुलाकात में मानवता और सद्भाव दोनों ही गायब था। पाक अधिकारियों ने मराठी में बात करने से रोका। हमने पाक को कल एक नोटिस भेजा है जिसमे लिखा है कि जाधव की मां और पत्नी को ताने और उलाहना दी गई।
सुषमा ने कहा कि जाधव के मां को साड़ी की जगह सलवार कुर्ता पहनने को दिया गया। केवल कुलभूषण की पत्नी के जूते ही नहीं उनकी मां से चूड़ी,बिंदी और मंगलसूत्र भी निकलवाए गए। साफ है कि कुलभूषण की मां और पत्नी को पाक ने अपमानित किया है। जाधव की पत्नी के जूते उतरवा कर उन्हें चप्पल दी गई और बाद में उनके जूते भी वापस नहीं दिए गए। पाक को लगता है कि उनके जूते में चिप या रिकार्डर लगे हुए है।सुषमा ने कहा कि अग उसमें कोई चिप थी तो एयरपोर्ट पर चिप किसी को क्यों नहीं दिखी ? वहीं सुषमा ने ये भी कहा कि पाक जूते के साथ कोई शरारत कर सकता है। जानबूझ कर मीडिया से परेशान कराने के लिए गाड़ी रोकी गई।
सुषमा ने कहा कि लगातार मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा था। मुलाकात के बाद मेरी परिवार से भी बात हुई उन्होंने कहा कि कुलभूषण बेहद तनाव में नजर आ रहे थे,वो पूरी तरह स्वस्थ नजर नहीं आ रहे थे। सुषमा ने कहा कि पूरा सदन पाक के गलत व्यवहार की निंदा करता है।जाधव को मृत्युदंड हास्यास्पद ढ़ंग से दिया गया। उधर कांग्रेस ने भी सुषमा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कुलभूषण यादव की मां और पत्नी के साथ किए अपमान पर पाक कोजवाब देने को कहा। आजाद ने कहा कि उनके बिंदी और मंगलसूत्र उतारना पूरे 130 करोड़ देशवासियों का अपमान है। टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने भी सदन में इसकी कड़ी निंदा की।