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Dastak India > Home > देश > ताजमहल को लेकर एएसआई ने संसदीय कमेटी को भी रखा अंधेरे में
देशहोम

ताजमहल को लेकर एएसआई ने संसदीय कमेटी को भी रखा अंधेरे में

dastak
Last updated: January 11, 2018 11:47 am
dastak
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दुनिया के सात अजूबों में शामिल और प्यार के प्रतीक माने जाने  वाले आगरा के ताजमहल के मुख्य गुंबद के अंदर लगाई गई स्टील की रेलिंग न केवल भीड़ प्रबंधन के लिए फ्लॉप साबित हुई, बल्कि संगमरमरी पच्चीकारी को कुरेदने से भी नहीं बचा पा रही है। महज तीन महीने में ही ताजमहल के लिए मुसीबत साबित हो रही स्टील की इसी रेलिंग के लिए एएसआई ने संसदीय कमेटी को धोखा दिया। 41 सांसदों की पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ने संसद में ‘ताजमहल पर प्रदूषण के असर’ की रिपोर्ट नंबर 262 पेश की थी, जिसमें एएसआई की मकबरे के अंदर कांच की बेरीकेडिंग लगाने की 60 लाख रुपये की योजना शामिल थी।

21 जुलाई 2015 को तत्कालीन सांसद अश्वनी कुमार की अध्यक्षता वाली संसदीय कमेटी ने ताज पर प्रदूषण के असर की इस रिपोर्ट में ताज के संरक्षण और सफाई पर कई संस्तुतियां भी दी थीं। एएसआई ने पांच चरणों के मडपैक ट्रीटमेंट से लेकर कतार प्रबंधन, तड़ित चालक बदलने, बिजली की लाइन का प्रबंधन, मकबरे के अंदर पक्षियों के प्रवेश को रोकने के लिए जालियां लगाने की योजना पेश की थी।Image result for ताजमहल इंटरनल पिक

5.49 करोड़ रुपए के संरक्षण कार्यों का ब्यौरा एएसआई ने संसदीय कमेटी को सौंपा था, लेकिन इसमें लकड़ी और कांच की बैरिकेडिंग की योजना को बदल दिया गया। एएसआई के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक मुख्यालय से और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद ही कांच की जगह स्टील रेलिंग को लगाया गया है। कांच की दीवार मानसून में और ज्यादा आर्द्रता में परेशानी की वजह बन सकती थी। इसकी सफाई और मेंटीनेंस में भी परेशानियां आतीं।

1.05 करोड़ की योजना का हिस्सा

ईरान के पर्सीपोलिस में साइरस के मकबरे की तर्ज पर एएसआई ने ताजमहल में संगमरमर की सीढ़ियों को घिसने से बचाने के लिए लकड़ी की सीढ़ियां तैयार कराईं और उसी मकबरे की तरह ताज के अंदर टफ एंड ग्लास की दीवार लगाने का प्रस्ताव तैयार किया।

कॉमनवेल्थ खेलों से पहले तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद डीएन डिमरी ने सैंपल लगवाकर यह प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय भेजा था। उस समय गाइडों द्वारा कब्र के चारों ओर कांच की दीवार लगाने पर विरोध के स्वर उठे तो प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

बाद में 2014 में ताज के अंदर कब्रों के चारों ओर मौजूद संगमरमरी जाली और पच्चीकारी वाली दीवारों को गंदा होने से बचाने के लिए कांच की दीवार का प्रस्ताव फिर से पेश किया गया।

एएसआई के पूर्व निदेशक पीवीएस सेंगर ने बताया कि ताज की दीवारों को गंदा होने से बचाने के लिए रेलिंग और दूसरे उपाय जरूरी हैं। स्वर्ण मंदिर में भी कांच का प्रयोग किया गया है, लेकिन हर स्मारक की जरूरत और दिक्कतें अलग हैं। ताज पर बारिश के दिनों में आर्द्रता ज्यादा होती है। क्या बेहतर है, इसका अध्ययन करने के बाद ही बताया जा सकता

है।

 

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