भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट मैचों की क्रिकेट सीरीज के अंतर्गत कल से शुरू होने वाला दूसरा टेस्ट मैच भारत के लिए ‘करो या मरो’ की तरह है। केपटाउन में हुआ पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया 72 रन से हार गई थी। ऐसे में दूसरे टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों को पिच की उछाल और दक्षिण अफ्रीका के तेज आक्रमण का बेहतर ढंग से सामना करना होगा। एक तरह से लगातार नौ सीरीज जीतने का भारत का रिकॉर्ड कल दांव पर होगा चूंकि मेजबान टीम ने पहला टेस्ट 72 रन से जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है। भारत को 2018-19 में विदेशी धरती पर 12 टेस्ट खेलने हैं और यह उनमें से दूसरा ही टेस्ट है। भारत को सीरीज में बने रहने के लिए यह टेस्ट हर हालत में जीतना होगा।
वैसे, दक्षिण अफ्रीका अगर सीरीज में क्लीन स्वीप करने में सफल होता है तो भी भारत की नंबर वन टेस्ट रैंकिंग पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन भारतीय टीम को स्वदेश में काफी आलोचना का सामना करना पड़ेगा। भारतीय टीम प्रबंधन को ऐसे में काफी सोच-समझकर चयन करना होगा। दूसरे टेस्ट की पहली गेंद फेंके जाने से 48 घंटे पहले भारतीय टीम ने सुपरस्पोर्ट्स पार्क पर करीब चार घंटे तक अभ्यास किया। चेतेश्वर पुजारा ने पहली स्लिप में कैचिंग का अभ्यास किया जबकि विराट कोहली और रोहित शर्मा ने मिलकर बल्लेबाजी की जबकि अजिंक्य रहाणे अधिकांश समय मूक दर्शक बने रहे।
उन्होंने और शिखर धवन ने आखिर में सहायक कोच संजय बांगर के साथ थ्रो डाउन अभ्यास किया। दोनों में से किसी ने असली तेज गेंदबाजी का सामना नहीं किया। केएल राहुल, मुरली विजय और पुजारा ने आसपास के नेट पर बल्लेबाजी की। उनके बाद कोहली और रोहित बल्लेबाजी के लिये आए और फिर हार्दिक पंड्या तथा ऋद्धिमान साहा उतरे। धवन की जगह राहुल का खेलना लगभग तय है। धवन का विदेश में खेले गए 19 टेस्ट में औसत 43।72 है जो उनके कैरियर के औसत 42।62 से अधिक है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में उनके रिकॉर्ड को देखे तो यह 11 टेस्ट में सिर्फ 27।81 है।
दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट में उनका औसत 18 रहा है और वह एक भी अर्धशतक नहीं बना सके। उनका सर्वोच्च स्कोर यहां 29 रन है जो उन्होंने 2013-14 में बनाया था। यह आंकड़े उनके लिये भी चिंता का सबब हैं। दूसरी ओर राहुल तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बल्लेबाज हैं। रोहित और रहाणे में से एक का चयन भी कठिन है। हालांकि कोहली ने कहा था कि मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पहले टेस्ट में रोहित को चुना गया। रोहित केपटाउन में दो पारियों में 11 और 10 रन ही बना सके लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि टीम प्रबंधन एक मैच की नाकामी के बाद अपना फैसला बदलेगा। गेंदबाजी में हार्दिक पंड्या अपनी जगह पक्की कर ही चुके हैं। कोहली को बाकी चार का चयन करना है और इसमें पिच की भूमिका अहम होगी। अगर पिच न्यूलैंड्स की तरह होगी तो भारत एक स्पिनर को बाहर कर सकता है। अब देखना यह है कि कोहली तेज गेंदबाजी आक्रमण में क्या बदलाव करते हैं। उमेश यादव ने कल नेट पर गेंदबाजी और बल्लेबाजी का अभ्यास किया। बीमारी से उबर चुके ईशांत शर्मा भी लय में दिखे। दोनों मिलकर 115 टेस्ट का अनुभव रखते हैं लेकिन अगर कोहली टीम में बदलाव नहीं करते हैं तो मात्र एक मैच के अनुभव वाले जसप्रीत बुमराह को इन पर तरजीह मिल सकती है। भारतीय खेमे में जहां असमंजस की स्थिति है, वहीं दक्षिण अफ्रीका खेमा उतना चिंतित नजर नहीं आया। मेजबान टीम के लिये चिंता का सबब चोटिल डेल स्टेन का विकल्प तलाशना है। युवा लुंगी एंगिडि या ऑलराउंडर क्रिस मॉरिस को खेलने का मौका मिल सकता है।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं।।।
भारत: विराट कोहली ( कप्तान) , शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, ऋद्धिमान साहा, हार्दिक पंड्या, आर।अश्विन, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, पार्थिव पटेल।
दक्षिण अफ्रीका: फाफ डु प्लेसिस ( कप्तान ), डीन एल्गर, एडेन मार्कराम, हाशिम अमला, तेम्बा बावुमा, टीडे ब्रूइन, क्विंटन डिकॉक, केशव महाराज, मोर्ने मोर्कल, क्रिस मॉरिस, वेर्नोन फिलेंडर, कागिसो रबाडा, एंडिले पी, लुंगी एंगिडि और डुआने ओलिवियर।