मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर पाकिस्तान के ‘नरम’ रुख के बाद अमेरिका ने एक बार फिर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अमेरिका ने दो टूक कहा है कि हाफिज आतंकवादी है और पाकिस्तान को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
अमेरिका का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी के इस बयान के बाद आया है कि उसके खिलाफ इस्लामाबाद में कोई केस नहीं है। अब्बासी ने तीन दिन पहले ही एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में हाफिज के लिए ‘साहेब’ संबोधन का इस्तेमाल करते हुए कहा था, ‘पाकिस्तान में हाफिज सईद साहेब के खिलाफ कोई केस नहीं है और इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।’ जियो टीवी के मुताबिक, अब्बासी ने कहा, ‘कार्रवाई तब की जाती है जब किसी के खिलाफ कोई मामला हो।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद अमेरिका ने और सख्त लहजे का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि हाफिज एक आतंकी और उसने ही मुंबई हमलों की साजिश की थी। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने कहा, ‘हम उसे (हाफिज) आतंकवादी के तौर पर देखते हैं। उसने मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमलों की साजिश की थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और इनमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।’
We regard him as a terrorist, a part of a foreign terrorist organization. He was the mastermind of the 2008 Mumbai attacks which killed many people including Americans: Heather Nauert, US State Dept spokesperson on Hafiz Saeed pic.twitter.com/h6lA07Z3R2
— ANI (@ANI) January 19, 2018
नॉर्ट ने कहा, ‘हमने पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपनी बात और अपनी चिंताएं रख दी हैं। हमारा मानना है कि इस व्यक्ति (हाफिज) के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इससे पहले नवंबर में भी कहा था कि भारत ने हाफिज के खिलाफ ऐसा कोई ‘साक्ष्य’ मुहैया नहीं कराया है, जिसके आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा, ‘तीन जजों की पीठ ने उन्हें (सईद) को यह कहते हुए नजरबंदी से रिहा करने का आदेश दिया कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है।’
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज ने नजरबंदी से रिहा होने के बाद देश में इस साल होने वाला चुनाव लड़ने की घोषणा भी की है, जिस पर अमेरिका पहले ही चिंता जता चुका है। आतंकवाद के खिलाफ ‘पर्याप्त कार्रवाई’ नहीं करने से नाराज अमेरिका, पाकिस्तान को पहले ही करीब 1.15 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोकने की घोषणा कर चुका है।
अमेरिका की सख्ती के बाद पाकिस्तान ने JuD हाफिज के संगठनों के डोनेशन पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि पाकिस्तान ने इससे इनकार कि किया कि हाफिज के खिलाफ उसकी सख्ती अमेरिकी दबाव में है। हालांकि इस तथाकथित सख्ती और ‘दिखावे’ के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर पैंतरा बदल लिया है और कहा है कि हाफिज के खिलाफ कारवाई के लिए कोई केस ही नहीं है। पाकिस्तान के इस रुख के बाद न केवल भारत, बल्कि दुनिया के कई देशों में रोष है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी इसके लिए पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं। पाकिस्तान इसके लिए बलूच कार्यकर्ताओं के निशाने पर भी है।