दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को इन दिनों उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का खौफ सता रहा है।भले ही मौजूदा समय में उत्तर कोरिया के तानाशाह की हमले की धमकियां कम हो गई हों, लेकिन अमेरिका के लिए खतरा टला नहीं है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के निदेशक ने चिंता जताई है कि उत्तर कोरिया के पास ऐसे परमाणु मिसाइल हैं, जिससे वह कुछ महीनों के भीतर अमेरिका पर हमला कर सकता है।
सीआइए के निदेशक माइक पॉम्पिओ ने एक इंटरव्यू में अपनी इस चिंता को जाहिर करते हुए कहा कि उनकी खुफिया एजेंसी लगातार उत्तर कोरिया और उसके नेता किम जोंग उन से संभावित खतरों पर चर्चा करती रहती है। उन्होंने कहा कि हमारा काम इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति तक खुफिया जानकारी पहुंचाना है, ताकि उनके पास गैर-कूटनीतिक तरीके से इस खतरे से निपटने के लिए विकल्प मौजूद हों।
पॉम्पिओ ने यह भी स्वीकार किया कि उत्तर कोरिया के खिलाफ बल के इस्तेमाल से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जिंदगियों को नुकसान पहुंच सकता है, जहां दो अहम अमेरिकी सहयोगी जापान और दक्षिण कोरिया भी हैं। पॉम्पिओ ने कहा कि अगर किम को हटाने या अमेरिका पर उसके परमाणु हमले की क्षमता को सीमित करने की कोशिश की गई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि ट्रंप के एक साल के राष्ट्रपति कार्यकाल में उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका का तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि बात परमाणु हमले तक पहुंच गई है। पिछले साल उत्तर कोरिया ने भी लगातार कई मिसाइल परीक्षण कर अमेरिका को उकसाया है।
किम जोंग उन कई बार खुलकर अमेरिका पर परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं। ट्रंप के साथ भी कई मौकों पर उनकी जुबानी जंग देखने को मिल चुकी है। इस दौरान किम ने ट्रंप के लिए कई अपशब्दों का इस्तेमाल भी किया। पागल और घमंडी तक करार दिया। हालांकि ट्रंप भी समय-समय पर उत्तर कोरिया को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं और किम पर तंज कसने का कोई मौका भी हाथ से जाने नहीं दिया है।
इस साल की शुरुआत में भी किम ने अमेरिका को हमले की चेतावनी देते हुए कहा था कि उनकी मेज पर हमेशा परमाणु बटन रहता है। इस पर ट्रंप ने भी किम की चुटकी लेते हुए कहा था कि उनके पास उससे भी ज्यादा बड़ा बटन है और यह काम भी करता है। हालांकि ट्रंप की इस चुटकी में भी उत्तर कोरिया के लिए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी छिपी थी।
पॉम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे उत्तर कोरिया भी सुन रहा है। उन्होंने कहा, जब आप एक राष्ट्रपति को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते देखते हैं तो इसको सुनने वाले कई लोग होते हैं और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि किम जोंग उन यह संदेश समझते हैं कि अमेरिका गंभीर है।