32 वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला इस बार भगवा रंग में रंगा नजर आएगा। मेले में अयोध्या का राम मंदिर, बनारस के घाट और इलाहाबाद का कुंभ मेले की झलक देखने को मिलेगी। मेले की दोनों चौपालों पर सांस्कृतिक आयोजनों के अलावा धार्मिक आयोजनों की भी भरमार रहेगी। छोटी चौपाल को मथुरा के बरसाने के रंग में रंगा गया है तो बडी चौपाल पर अयोध्या के मंदिर को प्रमुखता से दिखाया जाएगा। मेले में इस बार करीब 25देशों के हस्तशिल्पी और लोक कलाकार शिरकत करेंगे। किर्गिस्तान इस बार मेले का भागीदार देश है। सार्क देशों को भी आमंत्रित किया गया है। पाकिस्तान के आने पर अभी संशय है। इसके अलावा कुछ अफ्रीकन देश और आशियान देश शामिल हैं। दो फरवरी को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल मेले का उद्घाटन करेंगे।
मेले में इस बार भगवा रंग छाया रहेगा। सूरजकुंड में हरियाणा टूरिजम के बडे होटल राजहंस की सभी कुर्सियों को भी भगवा कर दिया गया है। कुर्सियों पर इस बार सफेद की जगह भगवा कपडा चढाया गया है। मेले के हर प्रवेश द्वार पर भगवा रंग का खास ख्याल रखा गया है। वहीं अयोध्या के राम मंदिर, बनारस के घाट के अलावा ताज महल की भी अनदेखी नहीं की गई है।
मेले के दिल्ली गेट की तरफ से आने वाले लोगों के स्वागत के लिएभव्य श्रीराम द्वार बनाया गया है। इस द्वार के ऊपर 27 फुट लंबा राम धनुष बनाया गया है। इस पर भगवा झंडा भी फहराया गया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों की कलाकृतियों का अवलोकन करने के लिए जब दर्शक मेले के अंदर आएंगे तो उन्हें भव्य अयोध्या द्वार से गुजरना होगा। यहां दर्शकों को भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्यानगरी के उस महत्व का भी ज्ञान मिलेगा, जिसके आधार पर दीपों का पर्व (दिवाली) मनाया जाता है।
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। पिछले वर्ष मेले में 12 लाख दर्शक मेला देखने पहुंचे थे और इनमें से एक लाख दर्शक विदेशी थे। इन दर्शकों को श्रीराम जन्मस्थली का महत्व बताने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इतनी आतुर है कि यहां की तैयारियों का जिम्मा खुद उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने संभाला हुआ है। रीता बहुगुणा जोशी रविवार को मेला परिसर की अंतिम तैयारियों का जायजा लेने भी पहुंची थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के सभी आलाधिकारी यहां का दौरा कर चुके हैं।
अबतक मेले में दिल्ली गेट से आते समय पहले हैदराबाद की चारमीनार दिखाई देती थी लेकिन इस बार पहले श्रीराम मंदिर और रामधनुष के भव्य द्वार के दीदार होंगे। 30 फुट चौड़े इस द्वार की ऊंचाई 25 फुट रखी गई है और इस पर पांच फुट ऊंची श्रीराम पताका फहराई जाएगी। द्वार पर 27 फुट लंबा रामधनुष रखा जाएगा। ये द्वार उत्तरप्रदेश सरकार के लिए दिल्ली की शो-क्राफ्ट प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने तैयार किया है।
हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलाश शर्मा ने मेले को लेकर हुई प्रेसवार्ता में बताया कि मेले परिसर में मोक्ष का द्वार कहे जाने वाले भगवान शिव की नगरी वाराणसी के 84 गंगा घाटों की झलक और करीब आठ घाट तुलसी घाट, जानकी घाट, अस्सी घाट, गंगा महल घाट, हरिश्चंद्र घाट, मणिकर्णिका घाट व संगम घाट दिखाई देंगे। इतना ही भगवान शिव का काशी विश्वनाथ मंदिर भी दिखाई देगा। मंदिर के महंत दर्शकों का प्रसाद भी देंगे।