लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण शुरू हो चुका है। हालांकि इस बीच विपक्ष ने हंगामा भी शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण किसी दल का नही होता है और उसका सम्मान होना चाहिए। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हुई थी। इस मौके पर उन्होंने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस के बंटवारे के जहर की कीमत आज भी देश चुका रहा है
प्रधानमंत्री ने कहा, ”राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान करीब 34 लोगों ने अपनी बात रखी। किसी ने पक्ष में तो किसी ने विपक्ष में अपनी बात रखी, लेकिन शांति से चर्चा हुई। राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान होना चाहिए, सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना कितना उचित है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारे देश में राज्यों की रचना आदरणीय अटल जी ने भी की थी। तीन राज्यों का निर्माण किया था। उत्तर प्रदेश में से उत्तराखंड बना हो। चाहे बिहार से झारखंड बना हो या मध्यप्रदेश से छत्तीगढ़ का अलग होना हो। उस वक्त जिस तरह से निर्णय हुए वो ऐतिहासिक थे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आपके चरित्र में है, जब आपने देश का विभाजन किया, उस जगह की कीमत आज भी देश चुका रहा है। आज एक दिन भी ऐसा नहीं जाता है जब आप के पाप की सजा देश को ना मिलती हो। आपने (कांग्रेस) देश के टुकड़े किए।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”विपक्ष के लोग जब भी आलोचना करते हैं तो उनके पास तथ्य कम होते हैं। सिर्फ हमारे जमाने में ऐसा था, हमारे जमाने में वैसा था का ही टेप बजाया जाता है। आपने मां भारती के टुकड़े कर दिए, इसके बावजूद देश आपके साथ था। उस वक्त जब आप राज कर रहे थे तब विपक्ष नाम मात्र का था, मीडिया भी देश का भला होगा इस उम्मीद से शासन के साथ चलता था।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”रेडियो कांग्रेस के सुर सुनाता था और टीवी भी आपको ही समर्पित थे। न्यायपालिका पर भी कांग्रेस पार्टी ही नियुक्ति करती थी। पंचायत से संसद तक आपका झंडा फैरता था। लेकिन आपने इतिहास को भुलाकर सारी शक्ति एक परिवार के गीत गाने में ही लगा दी। आजादी के बाद देश में ऊर्जा थी कहां से कहां पहुंच सकता था। देश का दुर्भाग्य रहा कि कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को हुआ, ऐसा लगता है इससे पहले देश था ही नहीं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”कल मैं हैरान हो गया जब कहा गया कि देश को लोकतंत्र नेहरू ने दिया। लिच्छवी साम्राज्य और बुद्ध के समय भी देश में लोकतंत्र की गूंज थी। ये लोकतंत्र नेहरू और कांग्रेस ने नहीं दिया। खड़गे जी कर्नाटक के चुनाव के हो सकता है कि एक परिवार की भक्ति करके यहां बैठे रहें। लेकिन आप जगत गुरू बसेश्वर के नाम को ना भुलाइए। लोकतंत्र हमारे खून में है, लोकतंत्र हमारी परंपरा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप लोकतंत्र की बात करते हैं ? कांग्रेस के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जब हैदराबाद गए थे तब एक दलित मुख्यमंत्री का सरेआम अपमान किया था। आप अपने परिवार के लोकतंत्र को ही देश का लोकतंत्र मानते हैं। कांग्रेस ने नीलम संजीव रेड्डी को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया और रातोंरात उनकी पीठ पर छुरा घोंप दिया। अपने ही अधिकृत उम्मीदवार को हरा दिया। मनमोहन सिंह की सरकार में पास हुए एक अध्यादेश को आपकी पार्टी के सदस्य ने मीडिया के सामने टुकड़े टुकड़े कर दिया। कृपा करके आप हमें लोकतंत्र का पाठ ना पढ़ाइए।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”देश के अगर पहले प्रधानमंत्री बल्लभभाई पटेल होते तो मेरे कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास ना होता कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुनाव हुआ, पता नहीं चुनाव हुआ या ताजपोशी हुई। उस समय आपकी ही पार्टी का एक नौजवान चुनाव लड़ना चाहता था। आपने उसे भी रोक दिया।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम जो काम हाथ में लेते हैं उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। जनता की आंखों में धूल झोंकना हमारा काम नहीं। हमने पिछली सरकारों के अटके कामों को ठीक करके पूरा करने की कोशिश की। सरकारें आती जाती रहती हैं देश बना रहता है।”
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के तीन साल के काम काज का ब्योरा देते हुए कहा, ”हमने तीन साल में 2100 किलोमीटर रेल लाइन का मिर्माण किया। तीन साल में 4300 किलोमीटर से ज्यादा बिजली के तार बिछाए। हमारी सरकार में एक लाख बीस हजार किलोमीटर सड़के बनीं। एक लाख से अधिक पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया। कांग्रेस अगर जमीन से जुड़ी होती तो शायद ये हालत ना होती।”