अजय चौधरी
नक्सल प्रभावित जिलों में शौचालय बनावाए बिना 2 अक्टूबर 2018 को गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ को ODF(Open Defecation Free) यानी “खुले में शौच मुक्त” घोषित कर देगें और स्वच्छ भारत मिशन के तीन साल पूरे होने पर मिशन को गांधी जी को समर्पित करते हुए उसे सफल करार दे दिया जाएगा। हालांकि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में शौचालय न बनवा पाने के पीछे वजह सुरक्षा कारणों को बताया गया है। लेकिन कुछ जिलों को अभी से ODF घोषित कर दिया गया है। उनमें भी बजट के अभाव में हर घर में शौचालय नहीं बनवाए गए हैं। लेकिन केंद्र सरकार के दबाव और 2 अक्टूबर के लक्ष्य के कारण फटाफट एक के बाद एक जिलों को ODF घोषित किया जा रहा है।
लेकिन ओडीएफ फ्री होने की रिपोर्ट कुछ औऱ ही कहती है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बिजापुर जिले की 169 ग्राम पंचायतों में से 84 को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया। बाकी बचे 85 गांवों तक सरकार की पहुंच ही नहीं है। ऐसा ही हाल सुकमा का है। यहां 146 ग्राम पंचायतों में से 49 को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। (ये आंकडे सरकार द्वारा अक्टूबर 2017 को जारी किए गए थे)।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजापुर जिले के कलेक्टर अयाज तंबोली ने भी माना की जिलो को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया है लेकिन बहुत से गांवों में अभी शौचालय बना पाना मुमकिन नहीं हो सका है। उनकी पहुंच केवल 85 ग्राम पंचायतों तक ही हो पाई है। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में इस योजना को पूरा करना असंभव सा है।
बीजापुर जिले के दरबाह गांव में 300 घरों के लिए केवल 11 शौचालयों का ही निर्माण हो सका है वो भी उनके घरों में जो वार्ड में पंच हैं। वहीं बेचराम ग्राम पंचायत के अनुसार गांव में तीस शौचालयों का निर्माण कराया गया है। लेकिन अब सरकार ने पैसा देना बंद कर दिया है। हमें 12,000 रुपये प्रति शौचालय दिया जा रहा था। लेकिन अब कोई अधिकारी गांव में शौचायल निर्माण के निरक्षण के लिए आने को तैयार नहीं है, क्योंकि ये इलाके अब खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। इसलिए हमने निर्माण कार्य रोक दिया है। राज्य सरकार ने इस विषय पर केंद्र को बताया है कि पूरे जिले में शौचालय बनवा पाना आसान काम नहीं है। लेकिन उन्हें हर हाल में जिले को ओडीएफ घोषित करना ही था। क्योंकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिहं ने जुलाई 2016 में राज्य को 2018 तक खुले में शौच मुक्त करने का वादा किया था।
तो ऐसे में आप समझ सकते हैं कि दो अक्टूबर 2018 को किस तरह छत्तीसगढ़ खुले में शौचमुक्त हो देश के सामने उदहारण पेश करेगा और स्वच्छ भारत मिशन अपने तीन साल पूरे होने का जश्न मनाएगा और ये संदेश पूरे देश में जाएगा। जिसका असर 2019 लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देगा।