दिल्ली के सीजीओ काम्प्लेक्स के बाहर SSC के खिलाफ छात्रों का धरना आज 10 वें दिन भी जारी है। खास बात ये है कि आज महिला दिवस है। इस अवसर पर धरने पर बैठी महिलाओं ने हाथों में बेडियां और चेहरे पर काली पट्टी बांध प्रदर्शन किया। वहीं जो महिलाएं प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाई उन्होंने फेसबुक और वाट्सएप्प पर हाथों में बेढियां बांध ये जता दिया कि महिलाओं के हाथों में सिर्फ बेडियां बंधी हैं। यहां प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के लिए शौचालय तक के प्रबंध नहीं है जिस कारण उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। प्रदर्शन कर रही महिला छात्रों ने वूमेन डे को सेड वूमन डे के रुप में मनाया है। छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बेटी बचाओ- बेटी पढाओं की बात करते हैं हमें उनसे बस इतना कहना है कि उनकी बेटियां मेहनत करती हैं, उन्हें बस उनका हक मिले। वो कोई ओर न छीनें।
आपको बता दें कि धरने पर बैठे छात्र सीबीआई जांच को लेकर लिखित आशवासन को लेकर अपनी मांग पर अडे हुए हैं। हालांकि इससे पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीबीआई जांच का आश्वासन दिया है लेकिन छात्र लिखित आश्वासन से आगे कुछ नहीं मांग रहे। छात्रों का आरोप है कि एसएससी परिक्षा के नाम पर बडे स्तर पर धांधली की जा रही है। जब ऑफलाईन परिक्षाएं ली जाती थी तब भी वो लीक हो जाती हैं अब ऑनलाईन हो रही हैं। छात्रों का आरोप है कि धांधली के लिए एक ही लडके के नाम पर अलग अलग एड्रेस डाल 360 से ज्यादा एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। इतनी बडी परिक्षा के कुछ परिक्षा केंद्र धांधली करने के लिए छोटी छोटी गली महोल्लों में बनाए जाते हैं।
वहीं आज महिला दिवस है। ऐसे में धरने पर बैठी महिलाओं में भी खासा रोष है। महिलाओं का कहना है कि उनके लिए यहां मोबाईल शौचालय लाए गए थे। लेकिन वो भी हटा लिए गए। धरने पर बैठी महिलाओं को शौच के लिए जाने के लिए किलोमीटर की दूरी तय करनी पडती है। छात्रों का ये भी आरोप है कि यहां हजारों छात्र धरने पर बैठे हैं बावजूद इसके उन्हें टैंट और लाऊडस्पीकर लगाने की अनुमती नहीं दी जा रही। धूप की वजह से कुछ छात्र बिमार पड गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
छात्र एसएससी आयोग और सरकार की इस बात से भी दु:खी हैं कि उनका ये धरना कुछ राजनैतिक पार्टियों द्वारा प्रायोजित बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा कोई अध्यापक यहां हमारे लिए पानी का इंतजाम कर रहा है तो उसे भी सरकार के खिलाफ साजिश माना जा रहा है। छात्रों की मांग है कि एसएससी कमिशन हमें कहती है कि आप ग़डबडीयों की खुद जांच कराएं। हम इस पर सीबीआई जांच से नीचे और कुछ नहीं चाहते।