छत्तीसगढ़ के चिंतलनार गांव के लोगों को करीब 15 साल बाद बिजली नसीब हो पाई है। सुकमा जिले में पडने वाले इस गांव पर माओवादियों का कब्जा था। माओवादियों ने बिजली के खंबो और तारों को बुरी तरह से नष्ट कर दिया था। गांव में जिदंगी अब पटरी पर लौट रही है लेकिन इसके पीछे हमारे जवानों का बडा योगदान है। 2010 में इस गांव में तैनात 76 जवानों की नक्सलीयों ने हत्या कर दी थी। लेकिन अब बिजली जुड जाने से गांव के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। गांव वालों के अनुसार अब उन्हें अंधेरे से आजादी मिल गई है।
After a span of 15 years, Chintalnar village in the #Maoist-hit district of #Sukma gets electricity #Chhattisgarh
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— ANI Digital (@ani_digital) April 9, 2018
गांव वालों ने न्यूज एजेंसी एनएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि गांव में बिजली पहुंचाना उनके लिए बेहद ही खुशी की बात है। अब रात में उनके बच्चों के लिए पढ़ाई करना भी आसान हो गया है। लोगों का कहना है कि अब वो टीवी और फ्रिज का इस्तेमाल भी कर सकेंगे। स्थानीय लोगों ने बातचीत के दौरान बतलाया कि पहले हमारे पास सोलर बिजली की व्यवस्था थी लेकिन इससे हमारी सभी जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं। राज्य मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, ‘चिंतलनार और जगरगुंडा जैसे गांव बरसों से अंधेरे में जी रहे थे। नक्सलियों ने यहां पहले से मौजूद बिजली व्यवस्था को तबाह कर दिया था। नक्सली नहीं चाहते थे कि इन गांवों में कभी बिजली आए। इन इलाकों में बिजली, रोड और संचार सेवाएं पहुंचाने में हमारे कई जवानों ने अपनी जान दी, उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों को जून 2018 तक बिजली से जोड़ने की योजना भी बनाई है।