
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले के मगहर में महान संत और कवि कबीरदास की मजार पर पुष्पांजलि अर्पित की और चादर चढ़ाई। आज कबीर की 500वीं पुण्यतिथि है। कबीर अकादमी में संत कबीर के उपदेशों और विचारों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा। बाद में प्रधानमंत्री मगहर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे।
Prime Minister Narendra Modi arrives in Lucknow. He will attend multiple events in Sant Kabir Nagar district's Maghar today. pic.twitter.com/VJvaNLEiaA
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले के मगहर में महान संत और कवि कबीरदास की मजार पर पुष्पांजलि अर्पित की और चादर चढ़ाई। आज कबीर की 500वीं पुण्यतिथि है। कबीर अकादमी में संत कबीर के उपदेशों और विचारों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा। बाद में प्रधानमंत्री मगहर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शरीक होंगे।प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान रविवार को 15वीं शताब्दी के इस महान संत के योगदान और अंधविश्वास को दूर करने से जुड़े उनके कार्यो को याद किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसे मगहर में ली थी, जबकि लोगों में यह आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।बता दें कि पीएम मोदी के दौरे से पहले कल तैयारियों का जायजा लेने संत कबीर की मजार पर पहुंचे सीएम योगी ने मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार कर दिया। सीएम योगी को जब मजार के संरक्षक खादिम हुसैन ने टोपी पहनानी चाही तो सीएम योगी ने साफ मना कर दिया। जिससे विवाद खड़ा हो गया। विवाद के बाद कबीर की मजार के संरक्षक खादिम अंसारी ने कहा विवाद की कोई वजह नहीं है। सीएम योगी ने कहा मैं टोपी नहीं पहनना चाहता। उन्होंने मुस्कुरा कर टोपी लौटा दी। गौरतलब है कि पीएम मोदी भी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने मुस्लिम टोपी पहनने से इकार कर दिया था।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 28, 2018
प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान रविवार को 15वीं शताब्दी के इस महान संत के योगदान और अंधविश्वास को दूर करने से जुड़े उनके कार्यो को याद किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि संत कबीरदास ने अपनी अंतिम सांसे मगहर में ली थी, जबकि लोगों में यह आम धारणा है कि जिसकी भी मृत्यु वहां होती है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती।
राम मंदिर में नहीं है कोई आस्था, संविधान में नहीं लिखा की पूजा करो- शरद यादव