बीजेपी चीफ अमित शाह बुधवार को रांची के एक दिन दौरे के बाद आज पटना पहुंच चुके है। उनका यह दौरा दो दिन का है। इस दौरान वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से भी मुलाकात करेंगे। अमित शाह पटना हवाईअड्डे पर उत्तरे। हवाई अड्डे पर पहनले से ही मौजूद भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय व मंत्रियों के साथ कार्यकर्ताओं ने अमित शाह का भव्य स्वागत किया। आज वह नीतिश कुमार से नाश्ते और डिनर पर मुलाकात करने वाले है। सियासत के सभी लोगों की नजरे इस पर गड़ी हुई है।
मुस्लिम समुदाय की लड़कियों के खतना पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए कई सवाल
बीजेपी चीफ अमित शाह बुधवार को रांची के एक दिन दौरे के बाद आज पटना पहुंच चुके है। उनका यह दौरा दो दिन का है। इस दौरान वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से भी मुलाकात करेंगे। अमित शाह पटना हवाईअड्डे पर उत्तरे। हवाई अड्डे पर पहनले से ही मौजूद भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय व मंत्रियों के साथ कार्यकर्ताओं ने अमित शाह का भव्य स्वागत किया। आज वह नीतिश कुमार से नाश्ते और डिनर पर मुलाकात करने वाले है। सियासत के सभी लोगों की नजरे इस पर गड़ी हुई है।पिछले कुछ दिनों से बिहार के राजनीति के गलियारे का तापमान बड़ा हुआ है। बिहार के लोकसभा चुनाव में अब लगभग एक साल का ही समय बचा हुआ है। बिहार की सियासत में सरगर्मी तेज हो गई है। नीतीश की पार्टी का कहना है कि बिहार में एनडीए गठबंधन में बड़ा भाई जेडीयू है इसलिए राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जेडीयू को मिले बाकी 15 सीटें बीजेपी और गठबंधन की दूसरी पार्टियों में बांटी जाए। जाहिर है जेडीयू की ये मांग बीजेपी को रास नहीं आ रही है। ऐसे में आज नीतीश और अमित शाह की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है।नीतीश और अमित शाह आज दिन में दो बार मुलाकात करेंगे। पहली मुलाकात नाश्ते पर और दूसरी मुलाकात डिनर पर होगी। वैसे ब्रेकफास्ट और डिनर डिपलोमेसी मीटिंग तो बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच है लेकिन इस पर नजर आरजेडी, कांग्रेस और पासवान की भी है इसलिए मुलाकात से पहले ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी और नीतीश के बीच सीटों का फॉर्मूला तैयार हो जाएगा? क्या नीतीश की बड़े भैया बनने की बात अमित शाह मान जाएंगे?हो सकता है अमित शाह लोकसभा में ज्यादा सीटें अपने पास रख लें और नीतीश को विधानसभा में ज्यादा सीट देने का ऑफर दे दें लेकिन ये सारी बातें फिलहाल हवा में है। ना बीजेपी कुछ सीटों को लेकर बोल रही है और ना जेडीयू। बीजेपी जानती है कि आज 2014 वाला माहौल बिहार में नहीं है। पार्टी जानती है नीतीश को छोड़कर वो आगे का रास्ता अकेले तय भी नहीं कर सकती। पिछले चुनाव के आंकड़े भले ही बीजेपी के पक्ष में रहे हों लेकिन फिलहाल जो सूरत है उसमें बीजेपी झुक सकती है।2014 में बीजेपी 30 सीटों पर लड़ी और उसमें 22 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार 30 सीट मुश्किल है। रामविलास पासवान की पार्टी 7 पर लड़ी और 6 सीट पर जीत गई थी। नए फॉर्मूले में पासवान को सीटों का नुकसान हो सकता है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 3 सीट पर लड़ी और 3 पर जीत मिली थी। नीतीश की पार्टी उस वक्त एनडीए में नहीं थी और 40 में से सिर्फ 2 सीटें जीत पाई थी।2014 चुनाव में नीतीश की पार्टी ज्यादातर सीटों पर तीसरे नंबर पर थी लेकिन इस बार खबर ये है कि नीतीश की पार्टी 25 सीटों पर लड़ना चाहती है। अब अमित शाह के सामने मुश्किल ये है कि कैसे वो 10-15 सीटों वाले फॉर्मूले पर नीतीश को तैयार करते हैं। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अमित शाह की मुलाकात को लेकर विपक्ष निशाना भी साध रही है।
पिछले कुछ दिनों से बिहार के राजनीति के गलियारे का तापमान बड़ा हुआ है। बिहार के लोकसभा चुनाव में अब लगभग एक साल का ही समय बचा हुआ है। बिहार की सियासत में सरगर्मी तेज हो गई है। नीतीश की पार्टी का कहना है कि बिहार में एनडीए गठबंधन में बड़ा भाई जेडीयू है इसलिए राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटें जेडीयू को मिले बाकी 15 सीटें बीजेपी और गठबंधन की दूसरी पार्टियों में बांटी जाए। जाहिर है जेडीयू की ये मांग बीजेपी को रास नहीं आ रही है। ऐसे में आज नीतीश और अमित शाह की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बड़ी