समाज में पुरानी रीति रिवाज के अनुसार केवल पुरुष ही अर्थी को कंधा दे रकते हैं। इस पुरानी रीति रिवाज को तोड़ते हुए वाराणसी की एक बेटी पुष्पावती ने अपनी मां की आखिरी इच्छी को पूरा करने के लिए अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया। मां की दूसरी इच्छा की वजह से उसने अपनी मृत मां की आंखे भी दान कर दी।
खबरों के मुताबिक वाराणसी के बरियासनपुर गांव निवासी बुजुर्ग महिला संतोरा देवी (95) के पति का निधन 20 वर्ष पहले हो गया था। पति की मौत के वक्त संतोरा ने नेत्रदान करने का वचन लिया था और यह भी वचन लिया था कि उनकी बेटी उनकी अर्थी को कंधा देगी। अपनी मां की इच्छा को पूरा करने के लिए जब बेटी ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया तो बहुएं भी पीछे नहीं रहीं बहुओं ने भी मृतक को कंधा दिया।
रविवार को संतोरा देवी का निधन हो गया। दो बेटों के होते हुए बेटी पुष्पावती पटेल जब कंधा देने आई तो रिश्तेदारों व मोहल्ले वालों ने सामाजिक मर्यादाओं की दुहाई देकर ऐसा करने से रोकना चाहा। लेकिन भाई-भाभियों के समर्थन और मां की अंतिम इच्छा को ध्यान में रखते हुए पुष्पा पीछे नहीं हटी। ननद के फैसले का समर्थन करते हुए बहुओं ने भी अपनी सास की अर्थी को कंधा दिया, जिसके बाद सरायमोहाना घाट पर महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
मां को कंधा देने वाली पुष्पावती का कहना है कि मैंने सिर्फ अपनी मां की अंतिम इच्छा का सम्मान किया है। वहीं दोनों बेटे बाबूलाल व त्रिभुवन नारायण पटेल का कहना है कि हमें अपनी बहन पर नाज है। उसने मां की अंतिम इच्छा पूरी की।
दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।