
औरतों व लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के अनेक मामले सामने आते रहते है पर इस बार छेड़छाड़ का आरोप उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक नामचीन पब्लिशर पर लग रहे है। हिंदी उपन्यासकार ने एक नामचीन पब्लिशर पर छेड़छाड़ और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। लेखिका ने यह भी आरोप लगाया कि पब्लिशर ने कीमत लेने के बाबजूद उपन्यास का प्रकाशन सही नहीं किया।विरोध करने पर उपन्यास लेखिका के साथ पब्लिशर ने छेड़छाड़ की। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने मामले की जांच शुरू करायी है।
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औरतों व लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के अनेक मामले सामने आते रहते है पर इस बार छेड़छाड़ का आरोप उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक नामचीन पब्लिशर पर लग रहे है। हिंदी उपन्यासकार ने एक नामचीन पब्लिशर पर छेड़छाड़ और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। लेखिका ने यह भी आरोप लगाया कि पब्लिशर ने कीमत लेने के बाबजूद उपन्यास का प्रकाशन सही नहीं किया।विरोध करने पर उपन्यास लेखिका के साथ पब्लिशर ने छेड़छाड़ की। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने मामले की जांच शुरू करायी है।ये है पूरा मामला अपनी जिंदगी के 13वें साल से जासूसी उपन्यास लिख रही इस लेखिका ने प्रकाशक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाये हैं।लेखिका ने शिकायत में लिखा है कि अपनी किताब के प्रकाशन और विज्ञापन के लिए उसने प्रकाशक को तीस हजार रूपये दिये थे। किताब समय से प्रकाशित नहीं हुई तो उसने विरोध जताया। आरोप है कि 21 जून 2018 को प्रकाशक ने अपने आफिस में लेखिका के साथ अश्लील हरकत और छेड़छाड़ की। साथ ही पीड़िता से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि बड़ी लेखिका बनना है तो उसे खुश करना होगा। वारदात के वक्त वह किसी तरह वहां से बाहर निकल सकी।लेखिका का आरोप है कि वह अपनी शिकायत लेकर ब्रह्मपुरी थाने पहुंची लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। पुलिस ने न तो केस दर्ज किया और न ही मामले की जांच की। पीड़िता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी को भी अपनी शिकायत भेजी है। आरोप है कि 30 जून को पीड़िता पर मामला दबाने के लिए दबाब बनाया गया और 3 जुलाई को किताब पब्लिश करके उसकी 300 प्रतियां पीड़िता के घर भिजवा दी गईं। पीड़िता के मुताबिक किताब की छपाई बेहद घटिया है और किताब की सामग्री काट-छांट दी गयी है। पीड़िता ने जब पांडुलिपि मांगी तो खोने की बात कह दी गई। पीड़िता ने आरोपी से अपनी जान का खतरा बताया है।एसएसपी का ब्यानमेरठ के एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने इस मामले में जांच शुरू कराई है। उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करा रहे हैं कि आरोप कितने सत्य हैं, कहीं से प्रोफेशनल राइवलरी तो नहीं या वास्तव में यह सत्य घटना है। अगर ये सच निकलता है तो इसकी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ये है पूरा मामला
अपनी जिंदगी के 13वें साल से जासूसी उपन्यास लिख रही इस लेखिका ने प्रकाशक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाये हैं।लेखिका ने शिकायत में लिखा है कि अपनी किताब के प्रकाशन और विज्ञापन के लिए उसने प्रकाशक को तीस हजार रूपये दिये थे। किताब समय से प्रकाशित नहीं हुई तो उसने विरोध जताया। आरोप है कि 21 जून 2018 को प्रकाशक ने अपने आफिस में लेखिका के साथ अश्लील हरकत और छेड़छाड़ की। साथ ही पीड़िता से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा कि बड़ी लेखिका बनना है तो उसे खुश करना होगा। वारदात के वक्त वह किसी तरह वहां से बाहर निकल सकी।
लेखिका का आरोप है कि वह अपनी शिकायत लेकर ब्रह्मपुरी थाने पहुंची लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। पुलिस ने न तो केस दर्ज किया और न ही मामले की जांच की। पीड़िता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और डीजीपी को भी अपनी शिकायत भेजी है। आरोप है कि 30 जून को पीड़िता पर मामला दबाने के लिए दबाब बनाया गया और 3 जुलाई को किताब पब्लिश करके उसकी 300 प्रतियां पीड़िता के घर भिजवा दी गईं। पीड़िता के मुताबिक किताब की छपाई बेहद घटिया है और किताब की सामग्री काट-छांट दी गयी है। पीड़िता ने जब पांडुलिपि मांगी तो खोने की बात कह दी गई। पीड़िता ने आरोपी से अपनी जान का खतरा बताया है।
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