शैलेश शर्मा
एक व्यक्ति ने नाले की गंदगी से निकलने वाली गैस का प्रयोग कुकिंग में किया है ये खबर अंग्रेजी अखबार दा हिन्दू में प्रकाशित हुई। लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने इसी तरह के एक वाक्य को देश के सामने रखा तो पढ़े लिखे बुद्धिजीवियों, पत्रकारों ने किस तरह सच्चाई को मजाक में बदल दिया जो नफरत और अंध विरोध को दर्शाती है। आइए जानते हैं कैसे LPG करोड़ों लोगों की किचन में खाना पकाने के काम आती है जिसमें मीथेन और ईथेन गैस मुख्य रूप से है।
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शैलेश शर्माएक व्यक्ति ने नाले की गंदगी से निकलने वाली गैस का प्रयोग कुकिंग में किया है ये खबर अंग्रेजी अखबार दा हिन्दू में प्रकाशित हुई। लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने इसी तरह के एक वाक्य को देश के सामने रखा तो पढ़े लिखे बुद्धिजीवियों, पत्रकारों ने किस तरह सच्चाई को मजाक में बदल दिया जो नफरत और अंध विरोध को दर्शाती है। आइए जानते हैं कैसे LPG करोड़ों लोगों की किचन में खाना पकाने के काम आती है जिसमें मीथेन और ईथेन गैस मुख्य रूप से है।प्राकृतिक गैस (नेचुरल) ईंधन का प्रमुख स्रोत है ये जीवाश्म ईंधनों ( डीजल, पेट्रोल और घासलेट या मिट्टी का तेल) साथ पाए जाते है मतलब नेचुरल गैस ( ईथेन और मीथेन)। LPG रिफाइनिंग के प्रोसेस में बनी गैस है जो गोबर, कचरा नाले में सड़े गले कचरे से भी बनाया जा सकता है। गांवो में आज भी गोबर प्लांट है जिससे कुकिंग गैस बनाई जाती है।कई गैसों का मिश्रण नैचुरल गैस होती है जिसमें मुख्य रूप से मीथेन है नेचुरल गैस के मिश्रण में 0 से 20 % तक ईथेन (उच्च हाइड्रोकार्बन) गैस होती है।नैचुरल गैस ! यह करोडों वर्ष पुर्व धरती के अन्दर मरे हुये जीवो के सडे गले पदार्थ से बनती है इसके साथ कूड़ा करकट सड़न से भी मीथेन और ईथेन निकलती है। इस गैसिय अवस्था को मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिष्रण है, जिसमे मिथेन 80 से 90 % तक पाई जाती है। इसी का मिश्रण LPG गैस है।कुछ दिन पहले बने जनेऊ धारी को ये नहीं मालूम पेशाब जाते समय जनेऊ कौन से कान पर लपेटा जाता है और क्यों लपेटा जाता है? वो जनेऊ धारी को LPG की फुल फॉर्म नहीं मालूम होगी। खास बात ये है कि कुछ बुद्धिजीवी उनके साथ कूद पड़े जिन्हें खुद नहीं मालूम ईथेन और मीथेन का क्या कार्य है? और किससे किससे बन सकती है। नफरत छोड़ो, मुद्दों पर बार करो, तो ज्यादा अच्छा है ना कि प्रोपोगंडा और एजेंडा चलाना। पढ़े लिखे होने का परिचय दें।
प्राकृतिक गैस (नेचुरल) ईंधन का प्रमुख स्रोत है ये जीवाश्म ईंधनों ( डीजल, पेट्रोल और घासलेट या मिट्टी का तेल) साथ पाए जाते है मतलब नेचुरल गैस ( ईथेन और मीथेन)। LPG रिफाइनिंग के प्रोसेस में बनी गैस है जो गोबर, कचरा नाले में सड़े गले कचरे से भी बनाया जा सकता है। गांवो में आज भी गोबर प्लांट है जिससे कुकिंग गैस बनाई जाती है।

कई गैसों का मिश्रण नैचुरल गैस होती है जिसमें मुख्य रूप से मीथेन है नेचुरल गैस के मिश्रण में 0 से 20 % तक ईथेन (उच्च हाइड्रोकार्बन) गैस होती है।
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नैचुरल गैस ! यह करोडों वर्ष पुर्व धरती के अन्दर मरे हुये जीवो के सडे गले पदार्थ से बनती है इसके साथ कूड़ा करकट सड़न से भी मीथेन और ईथेन निकलती है। इस गैसिय अवस्था को मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्युटेन, पेन्टेन का मिष्रण है, जिसमे मिथेन 80 से 90 % तक पाई जाती है। इसी का मिश्रण LPG गैस है।
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कुछ दिन पहले बने जनेऊ धारी को ये नहीं मालूम पेशाब जाते समय जनेऊ कौन से कान पर लपेटा जाता है और क्यों लपेटा जाता है? वो जनेऊ धारी को LPG की फुल फॉर्म नहीं मालूम होगी। खास बात ये है कि कुछ बुद्धिजीवी उनके साथ कूद पड़े जिन्हें खुद नहीं मालूम ईथेन और मीथेन का क्या कार्य है? और किससे किससे बन सकती है। नफरत छोड़ो, मुद्दों पर बार करो, तो ज्यादा अच्छा है ना कि प्रोपोगंडा और एजेंडा चलाना। पढ़े लिखे होने का परिचय दें।
“ये लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में सभी सूचनाएं लेखक द्वारा दी गई हैं, जिन्हें ज्यों की त्यों प्रस्तुत किया गया हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति दस्तक इंडिया उत्तरदायी नहीं है।”