अजय चौधरी
नुसरत साहब की कव्वालियों का बॉलिवुड जो हश्र कर रहा है वो बेहद दुखद है। आप समझ नहीं पा रहे कि आप किसी की विरासत के साथ छेडछाड कर रहे हैं। ये ऐसा ही है जैसे बी आर चोपडा के महाभारत के बाद एकता कपूर का महाभारत आया था और उसमें सिक्स पैक्स वाले किरदार थे। एक तो आप कुछ नया नहीं बना पा रहे दूसरा आप उनकी विरासत का इस्तेमाल कर पैसा तो कमा ही रहे हो साथ ही उसपर अपना कॉपिराईट भी ठोक रहे हो। आतिफ असलम जैसे सिंगर भी नुसरत साहब के गाने को बिगाड ही रहे हैं और उनके सामने बेसुरे लग रहे हैं। इससे पहले नुसरत साहब की कव्वाली गाने की कोशिश राहत फतेह अली खां करते थे लेकिन वो भी उस तरह उतार चढाव नहीं ले पाते थे तो आतिफ से उम्मीद ही क्या की जा सकती थी। नुसरत जी का “सोचता हूं” गाना टी-सीरीज ने “देखते देखते” करके लांच किया है। दोनों गाने का लिंक यहां दे रहा हूं पहले आतिफ का गाना सुनें-
बाद में ये नुसरत साहब की आवाज में सुन लें-
धार पता चलेगी और ये भी पता चलेगा क्या बिगाडा गया है…
विरासत के बिगडने के डर से महाभारत में भिष्म पितामाह का दमदार किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना ने यूहीं नहीं कलयुग के महाभारत का ऑफर ठुकरा दिया था। उनका तर्क था कि वो महाभारत जो बनना था वो एक बार बन चुका है दोबारा नहीं बनेगा। न तो वो अब वो बीआर चोपडा हैं न ही वो किरदार।
यही वो खूबसूरती है जिसे अटल जी देखना चाहते थे