आपको पता है या नहीं लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह की सरकार ने कंप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री बना दिया था। उनके साथ ओर भी कुछ बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। वैसे बाबाओं को मंत्री बनाने का देश में ये अपनी तरह का पहला मामला था। लेकिन अब खबर आई है कि कंप्यूटर बाबा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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आपको पता है या नहीं लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह की सरकार ने कंप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री बना दिया था। उनके साथ ओर भी कुछ बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। वैसे बाबाओं को मंत्री बनाने का देश में ये अपनी तरह का पहला मामला था। लेकिन अब खबर आई है कि कंप्यूटर बाबा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।अपना इस्तीफा देते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हमारी एक प्रणाली है, हम सभी संत एक साथ बैठते हैं और चीजों के बारे में फैसला लेते हैं। बाबा ने कहा “मैं शिवराज सिंह सरकार में कुछ भी नहीं कर पाया, वो ठीक हैं। मुझे लगता है शिवराज सिंह सरकार धर्म के ठीक विपरीत है और धर्म का कुछ काम करना ही नहीं चाहते हैं। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं”।कंप्यूटर बाबा यहीं नहीं रुके उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप मढते हुए कहा कि “मैंने गायों की स्थिती और नर्मदा नदी में अवैध खनन पर चर्चा की लेकिन मुझे कुछ भी करने देने की अनुमती नहीं दी गई। मैं सरकार के सामने संतों के विचार नहीं रख सका। इसलिए मैं ऐसी सरकार का ओर अधिक हिस्सा नहीं रहना चाहता।देखना होगा कंप्यूटर बाबा के इस इस्तीफे पर राज्य सरकार की क्या प्रतिक्रिया रहती है और विपक्ष इसे किस तरह से लेता है। देखने वाली बात ये भी होगी कि कंप्यूटर बाबा का अब अगला कदम क्या रहता है, क्या अब वो भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर जाएंगे या फिर विपक्षी दल कांग्रेस आदि के साथ मिलकर चुनाव में भाजपा के खिलाफ अभियान चलाएंगे। या फिर मौजूदा सरकार उनकी नाराजगी दूर करने में सफल रहेगी।
अपना इस्तीफा देते हुए कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हमारी एक प्रणाली है, हम सभी संत एक साथ बैठते हैं और चीजों के बारे में फैसला लेते हैं। बाबा ने कहा “मैं शिवराज सिंह सरकार में कुछ भी नहीं कर पाया, वो ठीक हैं। मुझे लगता है शिवराज सिंह सरकार धर्म के ठीक विपरीत है और धर्म का कुछ काम करना ही नहीं चाहते हैं। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं”।
I discussed the condition of cows & illegal mining at river Narmada but I wasn't allowed to do anything. I could not put forth the thoughts of saints before the govt & therefore I don't want to be a part of such govt: Computer Baba, MP minister after his resignation from the post pic.twitter.com/6h0SV3b82d
— ANI (@ANI) October 1, 2018
कंप्यूटर बाबा यहीं नहीं रुके उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप मढते हुए कहा कि “मैंने गायों की स्थिती और नर्मदा नदी में अवैध खनन पर चर्चा की लेकिन मुझे कुछ भी करने देने की अनुमती नहीं दी गई। मैं सरकार के सामने संतों के विचार नहीं रख सका। इसलिए मैं ऐसी सरकार का ओर अधिक हिस्सा नहीं रहना चाहता।
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देखना होगा कंप्यूटर बाबा के इस इस्तीफे पर राज्य सरकार की क्या प्रतिक्रिया रहती है और विपक्ष इसे किस तरह से लेता है। देखने वाली बात ये भी होगी कि कंप्यूटर बाबा का अब अगला कदम क्या रहता है, क्या अब वो भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर जाएंगे या फिर विपक्षी दल कांग्रेस आदि के साथ मिलकर चुनाव में भाजपा के खिलाफ अभियान चलाएंगे। या फिर मौजूदा सरकार उनकी नाराजगी दूर करने में सफल रहेगी।
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