भारत के कुछ मीडिया वाले बडे महान हैं इसलिए आपको डराने में लगे हैं कि अगले 48 घंटे में इंटरनेट बंद होने वाला है और आप इंटरनेट पर जल्दी से अपना सारा काम निपटा लें ताकि बाद में फिर क्या पता मौका न मिले। आपको इस तरह की खबरों से डरने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि ऐसा कुछ होने नहीं जा रहा।
दरअसल खबर ये थी कि कुछ इंटरनेट यूजरों को कनेक्टीविटी की दिक्कत झेलनी पड सकती है वो भी गुरुवार को जो जा चुका है। आज का शुक्रवार भी लगभग जा सा चुका है। दिक्कत इसलिए झेलनी पड सकती है क्योंकि मेन डोमेन सर्वर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाएगा। रसियन टुडे में ये खबर छपी थी, पर सीधी सीधी। मिर्च मसाला तो हमारे वालों ने लगाया।
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भारत के कुछ मीडिया वाले बडे महान हैं इसलिए आपको डराने में लगे हैं कि अगले 48 घंटे में इंटरनेट बंद होने वाला है और आप इंटरनेट पर जल्दी से अपना सारा काम निपटा लें ताकि बाद में फिर क्या पता मौका न मिले। आपको इस तरह की खबरों से डरने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि ऐसा कुछ होने नहीं जा रहा।दरअसल खबर ये थी कि कुछ इंटरनेट यूजरों को कनेक्टीविटी की दिक्कत झेलनी पड सकती है वो भी गुरुवार को जो जा चुका है। आज का शुक्रवार भी लगभग जा सा चुका है। दिक्कत इसलिए झेलनी पड सकती है क्योंकि मेन डोमेन सर्वर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाएगा। रसियन टुडे में ये खबर छपी थी, पर सीधी सीधी। मिर्च मसाला तो हमारे वालों ने लगाया।इंटरनेट कोरपोरेशन ऑफ असांइनड नेमस एंड नंबरस(ICANN) जो कि इंटरनेट पर डोमेन नेम की रजिस्ट्री और आईपी एड्रेस को मेंटेन करती है वो क्रिप्टोग्राफिक की चाबी(KEY) को बदल रही है। जिससे इंटरनेट एड्रेस बुक और डोमेन नेम सिस्टम(DNS) को ओर अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।कोम्यूनिकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी(CRA) के अनुसार ये कुछ जरुरी कदम होते हैं ज डीएनएस की सुरक्षा के लिहाज से उठाए जाते हैं। जिससे कुछ ही इंटरनेट के यूजरों को दिक्कत हो सकती है जिनके इंटरनेट प्रोवाईडर इस बदलाव के लिए तैयार नहीं होंगे। इस बदलाव के प्रभाव को उचित सिस्टम सिक्योरिटी एक्सटेंशन से खत्म किया जा सकता है। तो ऐसे में आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है। सभी नेट प्रदाता कंपनीयां ये कदम उठाने में सक्षम हैं।रसिया टुडे को मोबाईल रिसर्च ग्रुप के विश्लेषक एलडर मुरटाजिन ने बताया कि 48 घंटे में कुछ इंटरनेट यूजरों को ही दिक्कत का सामना करना पड सकता है। वो भी पूरे इंटरनेट पर नहीं कुछ ही पेजों पर साथ ही नेट की स्पीड कुछ कम हो सकती है। इंटरनेट पूरी तरह बंद हो जाएगा ऐसा कुछ नहीं है।ICANN पहले ही कुछ जरुरी टेस्ट कर चुका है, जिससे साफ है कि Key के बदलने के प्रोसेस से बहुत ही कम दिक्कतें सामने आएंगी।डिजिटल इकोनोमिकस के स्पेशलिस्ट अरसेन सिचिटसिन ने लोगों को आश्वस्त किया कि इसमें डरने की कोई बात नहीं है। क्योंकी मुख्य सोफ्टवेयर में पहले ही बदलाव किए जा चुके हैं।इंटरनेट पर हो रहे हमलों को देखते हुए क्रिप्टोग्राफिक्स Keys को बदलने की प्रक्रिया जरुरी हो गई है।
इंटरनेट कोरपोरेशन ऑफ असांइनड नेमस एंड नंबरस(ICANN) जो कि इंटरनेट पर डोमेन नेम की रजिस्ट्री और आईपी एड्रेस को मेंटेन करती है वो क्रिप्टोग्राफिक की चाबी(KEY) को बदल रही है। जिससे इंटरनेट एड्रेस बुक और डोमेन नेम सिस्टम(DNS) को ओर अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
कोम्यूनिकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी(CRA) के अनुसार ये कुछ जरुरी कदम होते हैं ज डीएनएस की सुरक्षा के लिहाज से उठाए जाते हैं। जिससे कुछ ही इंटरनेट के यूजरों को दिक्कत हो सकती है जिनके इंटरनेट प्रोवाईडर इस बदलाव के लिए तैयार नहीं होंगे। इस बदलाव के प्रभाव को उचित सिस्टम सिक्योरिटी एक्सटेंशन से खत्म किया जा सकता है। तो ऐसे में आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है। सभी नेट प्रदाता कंपनीयां ये कदम उठाने में सक्षम हैं।
रसिया टुडे को मोबाईल रिसर्च ग्रुप के विश्लेषक एलडर मुरटाजिन ने बताया कि 48 घंटे में कुछ इंटरनेट यूजरों को ही दिक्कत का सामना करना पड सकता है। वो भी पूरे इंटरनेट पर नहीं कुछ ही पेजों पर साथ ही नेट की स्पीड कुछ कम हो सकती है। इंटरनेट पूरी तरह बंद हो जाएगा ऐसा कुछ नहीं है।
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