सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश फैसले को हरी झंडी दे दी थी। लेकिन फिर भी इस फैसले का काफी विरोध हुआ। महिलाओं ने ही जगह-जगह पैदल मार्च निकाले और हिंसा प्रवति को अपनाते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था।
महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हुई हिंसा के चलते केरल पुलिस ने कुल 2061 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। और राज्य भर में 452 मामले पंजीकृत किये है।
#Kerala police have arrested total 2061 people and registered 452 cases across the state so far in connection with violence against the entry of women of all ages in #SabarimalaTemple
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश फैसले को हरी झंडी दे दी थी। लेकिन फिर भी इस फैसले का काफी विरोध हुआ। महिलाओं ने ही जगह-जगह पैदल मार्च निकाले और हिंसा प्रवति को अपनाते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था।महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हुई हिंसा के चलते केरल पुलिस ने कुल 2061 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। और राज्य भर में 452 मामले पंजीकृत किये है।केरल पुलिस के डीजीपी लोकनाथ बेहरा के मुताबिक अशांति फैला रहे कई और लोगों की पहचान की जा चुकी है। साथ ही, उन्होंने बताया कि कानून के नजरिये से जो सही होगा वो कदम उठाया जाएगा। यदि इससे भी ज्यादा लोग गिरफ्तार करने पड़े तो ये वो भी करेंगें।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई महिला पत्रकारों और भक्त महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया गया था। बीते सोमवार को सबरीमाला मंदिर के दरवाजे एक महीने के लिए बंद हो चुके हैं। इतना ही नहीं, जिसके बाद ये मामला फिर से सुप्रीम तक पंहुचा था। कई नेताओं ने इस मामले को राजनीति मोड़ दिया तो कई ने इस पर ऐसे विवादित बयान दिए। जिसने सोशल मीडिया पर हडकंप मचा दिया।क्या था मामलाकेरल के सबरीमाला मंदिर में अब तक 10-50 साल की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं थी। क्योंकि वहां के लोगों का मानना था कि इस उम्र की महिलाएं मासिक धर्म से होती है तो उन्हें मंदिर में जाने न दिया जाये। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को इसे असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि धर्म एक गरिमा और पहचान है। मंदिर में महिलाओं को भी पूजा करने का पूरा अधिकार है। ये सबका मौलिक अधिकार है। और सबरीमाला की पंरपरा को धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं माना जा सकता। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबरीमाला की परंपरा असंवैधानिक है। महिलाओं को मासिक धर्म की आड़ में मंदिर से दूर रखना उनकी गरिमा के खिलाफ है। और मासिक धर्म के आधार पर महिलाओं को सामाजिक तौर से दूर रखना भी संविधान के खिलाफ है।
— ANI (@ANI) October 26, 2018
केरल पुलिस के डीजीपी लोकनाथ बेहरा के मुताबिक अशांति फैला रहे कई और लोगों की पहचान की जा चुकी है। साथ ही, उन्होंने बताया कि कानून के नजरिये से जो सही होगा वो कदम उठाया जाएगा। यदि इससे भी ज्यादा लोग गिरफ्तार करने पड़े तो ये वो भी करेंगें।
We have registered around 450 cases & arrested around 2000 people so far. We have identified several others & more arrests will be made. We will do what must lawfully be done: Kerala DGP Loknath Behera on violence against the entry of women of all ages in #SabarimalaTemple pic.twitter.com/mUaddeqT7x
— ANI (@ANI) October 26, 2018
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई महिला पत्रकारों और भक्त महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया गया था। बीते सोमवार को सबरीमाला मंदिर के दरवाजे एक महीने के लिए बंद हो चुके हैं। इतना ही नहीं, जिसके बाद ये मामला फिर से सुप्रीम तक पंहुचा था। कई नेताओं ने इस मामले को राजनीति मोड़ दिया तो कई ने इस पर ऐसे विवादित बयान दिए। जिसने सोशल मीडिया पर हडकंप मचा दिया।
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