उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार यानी कल कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला सुनाया है। उसी तरह कोर्ट को राम मंदिर मामले पर भी अपना फैसला सुनाना चाहिए। योगी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर मामले से लोगों की आस्था जुड़ी है और राम मंदिर लोगों के दिलों में बहुत महत्व रखता है।
योगी ने इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मामले में फैसला दे सकता है तो इसे राम मंदिर मुद्दे पर भी उसे अपना आदेश देना चाहिए। मैं न्यायालय से ऐसा करने का आग्रह करता हूं।” साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनके और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए राम मंदिर निर्माण कोई चुनावी मुद्दा नहीं है।
Nobody should be discriminated. If Supreme Court can give its verdict on #SabarimalaTemple, then we appeal that a decision on Ram Mandir should also be taken. The issue of Ram Janmabhoomi is not about politics, it is about religious sentiments: UP CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/cgbxVHuCso
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार यानी कल कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर पर अपना फैसला सुनाया है। उसी तरह कोर्ट को राम मंदिर मामले पर भी अपना फैसला सुनाना चाहिए। योगी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर मामले से लोगों की आस्था जुड़ी है और राम मंदिर लोगों के दिलों में बहुत महत्व रखता है।योगी ने इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मामले में फैसला दे सकता है तो इसे राम मंदिर मुद्दे पर भी उसे अपना आदेश देना चाहिए। मैं न्यायालय से ऐसा करने का आग्रह करता हूं।” साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनके और उनकी पार्टी बीजेपी के लिए राम मंदिर निर्माण कोई चुनावी मुद्दा नहीं है।योगी की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि सरकार को अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए संसद में एक कानून बनाना चाहिए। समारोह में योगी ने उनकी सरकार की ओर से किये जा रहे विकास के कार्यों पर भी चर्चा की।इधर सुप्रीम कोर्ट रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई के लिए एक नई बेंच का गठन किया गया है। ये बेंच 29 अक्टूबर से इस केस की सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की इस नई बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ शामिल हैं। 29 अक्टूबर से अदालत इस बात पर फैसला कर सकता है कि क्या इस केस की रोजाना सुनवाई हो या फिर फिक्स्ड शेड्यूल के आधार पर ही केस पर फैसला हो।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 27, 2018
योगी की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि सरकार को अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए संसद में एक कानून बनाना चाहिए। समारोह में योगी ने उनकी सरकार की ओर से किये जा रहे विकास के कार्यों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी पंहुचे जापान, भारत-जापान के रिश्ते बनाएंगे मजबूत