मालेगांव ब्लास्ट कांड में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आतंकवाद की साजिश फ़ैलाने का आरोपी माना है। साथ में 7 अन्य आरोपियों को भी इस आरोप का गुनहगार माना है। कोर्ट ने इस सब आरोपियों पर अभिनव भारत संगठन के जरिये आतंक फैलाने का षड़यंत्र रचने और 29 सितंबर को वारदात को अंजाम देने के आरोप तय हुए हैं।
2008 Malegaon blasts case: All seven accused charged for terror conspiracy, murder and other related offences. Court adjourns the matter till 2:45 pm pic.twitter.com/JwZ8Xt6HrY
मालेगांव ब्लास्ट कांड में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आतंकवाद की साजिश फ़ैलाने का आरोपी माना है। साथ में 7 अन्य आरोपियों को भी इस आरोप का गुनहगार माना है। कोर्ट ने इस सब आरोपियों पर अभिनव भारत संगठन के जरिये आतंक फैलाने का षड़यंत्र रचने और 29 सितंबर को वारदात को अंजाम देने के आरोप तय हुए हैं।इस संबंध में स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कहा कि उस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई और 101 लोग घायल हुए थे। यह टेरर एक्ट के अंतर्गत आता है। इस केस का ट्रायल दो नवंबर से शुरू होगा। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया।आपको बता दे कि कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा के अलावा मेजर रमेश रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। इन सभी पर UAPA की धारा 18 (आतंकी वारदात को अंजाम देना ) और 16 (आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए हैं। इसकी अगली सुनवाई 2 नवम्बर को होगी।क्या था पूरा मामलामहाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को खौफनाक बम धमाका हुआ था। उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने का आरोप लगा था। इसमें साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आया था। पुरोहित ने कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें मालेगांव धमाका मामले में जानबूझ कर फंसाया गया है क्योंकि वो आईएस और सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पीछे कौन है, इसकी जांच कर रहे थे। इतना ही नहीं, उन्होंने आर्मी रिपोर्ट को भी याचिका में संलग्न किया है जिसमें वो अपने काम का सारारा दे रहे थे। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और यूएपीए के तहत अपने ऊपर लगे आरोपों को चुनौती दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त ट्रायल कोर्ट की धाराएं हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। तब कोर्ट ने पुरोहित से कहा था कि ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होते समय अपनी मांग रखनी चाहिए।पुरोहित को 21 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिली थी। कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में बंद चल रहे थे। जमानत पर जिरह के दौरान उनके वकील ने अदालत से कहा था कि पुरोहित के खिलाफ मकोका के तहत आरोप हटा दिए गए हैं, इसलिए पुरोहित अंतरिम जमानत के हकदार हैं। जबकि एनआईए ने पुरोहित की इस दलील का विरोध करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ सबूत हैं जो आरोप तय करने में मददगार होंगे।
— ANI (@ANI) October 30, 2018
इस संबंध में स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कहा कि उस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हुई और 101 लोग घायल हुए थे। यह टेरर एक्ट के अंतर्गत आता है। इस केस का ट्रायल दो नवंबर से शुरू होगा। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया।
Earlier,the NIA had given me a clean chit. Now,charges have been framed against me.This was a conspiracy by Congress but I am confident that I'll come out innocent as the truth always wins: Sadhvi Pragya Singh Thakur, on framing of charges against her in 2008 Malegaon blasts case pic.twitter.com/NEnkEwJ9kq
— ANI (@ANI) October 30, 2018
आपको बता दे कि कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा के अलावा मेजर रमेश रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। इन सभी पर UAPA की धारा 18 (आतंकी वारदात को अंजाम देना ) और 16 (आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए हैं। इसकी अगली सुनवाई 2 नवम्बर को होगी।
#UPDATE 2008 Malegaon blasts case: Next date of hearing in the case is 2nd November. https://t.co/uwZZUhjLpI
— ANI (@ANI) October 30, 2018