मंगलवार को उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी जिसमें औषधीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए भांग की खेती को भी अनुमति प्रदान की गई है। लेकिन समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के इस ओषधीय उद्देशय पर सवाल उठा दिए हैं। अखिलेश के अनुसार इससे नशाखोरी को बढावा मिलेगा और प्रदेश की जनता इसकी गिरफ्त में आकर बीमार पडेगी।
सरकार की मानें तो शोध एवं वैज्ञानिक उद्देश्य से औषधीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए भांग की खेती की अनुमति प्रदान की गई है, अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए किसानों की स्थिति को सुधार के लिए यह प्रस्ताव पास किया गया है। आबकारी विभाग इसे देखेगा, कोई भी इसे लगा सकता है। मतलब साफ है सरकार चाहती है कि अब किसान खेत में भांग लगा अपनी आर्थिक स्थिती को मजबूत करें। ऐसे में सरकार अगर कुछ दिनों बाद चरस और गांजे की खेती को भी अनुमती दे दे तो कुछ गलत नहीं होगा।
वहीं अखिलेश यादव ने सरकार के इस कदम पर ट्वीट करते हुए अपनी नाराजगी वयक्त की है। अखिलेश ने लिखा है- “औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती की अनुमति तभी तक ठीक है, जब तक उस पर पूर्ण नियंत्रण हो, नहीं तो नशीले पदार्थों की आसानी से उपलब्धता नशाखोरी और चिलमबाजी को प्रोत्साहित करेगी जो लोगों को मानसिक-शारीरिक रूप से बीमार करेगी जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।
मंगलवार को उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट की मीटिंग में 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी जिसमें औषधीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए भांग की खेती को भी अनुमति प्रदान की गई है। लेकिन समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के इस ओषधीय उद्देशय पर सवाल उठा दिए हैं। अखिलेश के अनुसार इससे नशाखोरी को बढावा मिलेगा और प्रदेश की जनता इसकी गिरफ्त में आकर बीमार पडेगी।सरकार की मानें तो शोध एवं वैज्ञानिक उद्देश्य से औषधीय उद्देश्य को पूरा करने के लिए भांग की खेती की अनुमति प्रदान की गई है, अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए किसानों की स्थिति को सुधार के लिए यह प्रस्ताव पास किया गया है। आबकारी विभाग इसे देखेगा, कोई भी इसे लगा सकता है। मतलब साफ है सरकार चाहती है कि अब किसान खेत में भांग लगा अपनी आर्थिक स्थिती को मजबूत करें। ऐसे में सरकार अगर कुछ दिनों बाद चरस और गांजे की खेती को भी अनुमती दे दे तो कुछ गलत नहीं होगा।वहीं अखिलेश यादव ने सरकार के इस कदम पर ट्वीट करते हुए अपनी नाराजगी वयक्त की है। अखिलेश ने लिखा है- “औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती की अनुमति तभी तक ठीक है, जब तक उस पर पूर्ण नियंत्रण हो, नहीं तो नशीले पदार्थों की आसानी से उपलब्धता नशाखोरी और चिलमबाजी को प्रोत्साहित करेगी जो लोगों को मानसिक-शारीरिक रूप से बीमार करेगी जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।
औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती की अनुमति तभी तक ठीक है, जब तक उस पर पूर्ण नियंत्रण हो, नहीं तो नशीले पदार्थों की आसानी से उपलब्धता नशाखोरी और चिलमबाजी को प्रोत्साहित करेगी जो लोगों को मानसिक-शारीरिक रूप से बीमार करेगी जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा. pic.twitter.com/AfAt72omeA
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 31, 2018