राफेल डील केस में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार यानी कल अपना फैसला सुनाएगा। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवम्बर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। इतना ही नहीं, जब से राफेल सौदा हुआ है तबसे ही देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहा है।
Supreme Court will tomorrow pronounce the judgment in #Rafale deal case pic.twitter.com/ho7anXqjBF
राफेल डील केस में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार यानी कल अपना फैसला सुनाएगा। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवम्बर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। इतना ही नहीं, जब से राफेल सौदा हुआ है तबसे ही देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है और कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहा है।केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों इंडियन एयरफोर्स के लिए खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ने दौरान सौंपे थे। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि फ्रांस से 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद में 2013 की ‘रक्षा खरीद प्रक्रिया’ का पूरी तरह पालन किया गया और ‘बेहतर शर्तों’ पर बातचीत की गई थी। इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि इस सौदे से पहले मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने भी अपनी मंजूरी दी थी। लेकिन कांग्रेस इस सौदे में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा रही है। उसका कहना है कि सरकार एक विमान 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है जबकि यूपीए सरकार ने प्रति विमान 526 करोड़ रुपये कीमत तय की थी।राफेल क्या है राफेल कई भूमिकाएं निभाने वाला और दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।मोदी सरकार ने किया था ये सौदाफ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान, 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सरकारों के स्तर पर समझौते के तहत भारत सरकार 36 राफेल विमान खरीदेगी। घोषणा के बाद, विपक्ष ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी के बिना कैसे इस सौदे को अंतिम रूप दिया। मोदी और तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद के बीच वार्ता के बाद 10 अप्रैल, 2015 को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि वे 36 राफेल जेटों की आपूर्ति के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करने पर सहमत हुए।
— ANI (@ANI) December 13, 2018