प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश को एक खास तोहफा दिया है। इस अवसर पर मोदी ने देश की जनता को भारत का सबसे लंबा और एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-रोड बोगीबील ब्रिज आज समर्पित किया है। आपको बता दे कि 16 साल में तैयार हुआ 4.94 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है, जिसका मंगलवार यानी आज मोदी ने उद्घाटन किया है।
Assam: Prime Minister Narendra Modi at Bogibeel Bridge in Dibrugarh. It is combined rail and road bridge over Brahmaputra river between Dhemaji district and Dibrugarh district. pic.twitter.com/g7DqYnZXuQ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश को एक खास तोहफा दिया है। इस अवसर पर मोदी ने देश की जनता को भारत का सबसे लंबा और एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-रोड बोगीबील ब्रिज आज समर्पित किया है। आपको बता दे कि 16 साल में तैयार हुआ 4.94 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है, जिसका मंगलवार यानी आज मोदी ने उद्घाटन किया है।खबरों के अनुसार, इस पुल की मदद से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी कम हो गई है, ये पुल असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को धेमाजी जिले से जोड़ता है। इससे ही सटा अरुणाचल का सिलापत्थर भी है। इस पुल को चीन के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। वैसे देखा जाए तो इस पुल को भारतीय इंजीनियरिंग की अनोखी मिसाल भी कह सकते हैं, क्योंकि ये डबलडेकर ब्रिज है। जिस पर ट्रेन और बसें एक साथ दौड़ेंगी। इस पुल को बनाने में करीब 4857 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है।खबरों के मुताबिक, इस ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे सेना के हैवी मूवमेंट को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह भारी-भरकम टैंक का वजन भी सह सकता है और ज़रूरत पड़ने पर इसपर फाइटर जेट भी उतारे जा सकते हैं। इस राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते पीएम नरेंद्र मोदीक्या है इस पुल में खासखबरों के अनुसार, बोगीबील ब्रिज की शुरुआती लागत 3230 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 4857 करोड़ रुपये हो गई है। ब्रह्मपुत्र नदी पर 4.94 किलोमीटर लंबा पुल यूरोपीय मानकों के आधार पर बनाया गया है। इसके निर्माण में जो सामग्री इस्तेमाल की गई है वो जंगरोधी है। यह 120 साल तक पूरी तरह सुरक्षित है। इस पुल में 42 डबल डी वेल फाउंडेशन के खंभे हैं, इन खंभों की वजह से पुल की मजबूती बहुत ज्यादा है। इस वजह से भयानक बाढ़ और बड़े भूकंप के झटकों को भी ये पुल आसानी से सहन कर सकता है। इस पुल के बनने से पूर्वी असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच सफर करने में लगने वाला वक्त घटकर सिर्फ 4 घंटे का रह जाएगा। इतना ही नहीं दिल्ली से डिब्रूगढ़ की यात्रा का वक्त 3 घंटे कम हो जाएगा।
— ANI (@ANI) December 25, 2018
खबरों के अनुसार, इस पुल की मदद से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी कम हो गई है, ये पुल असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को धेमाजी जिले से जोड़ता है। इससे ही सटा अरुणाचल का सिलापत्थर भी है। इस पुल को चीन के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। वैसे देखा जाए तो इस पुल को भारतीय इंजीनियरिंग की अनोखी मिसाल भी कह सकते हैं, क्योंकि ये डबलडेकर ब्रिज है। जिस पर ट्रेन और बसें एक साथ दौड़ेंगी। इस पुल को बनाने में करीब 4857 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi at Bogibeel Bridge, a combined rail and road bridge over Brahmaputra river in Dibrugarh. #Assam pic.twitter.com/LiTR9jO5ks
— ANI (@ANI) December 25, 2018
खबरों के मुताबिक, इस ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे सेना के हैवी मूवमेंट को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह भारी-भरकम टैंक का वजन भी सह सकता है और ज़रूरत पड़ने पर इसपर फाइटर जेट भी उतारे जा सकते हैं। इस राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते पीएम नरेंद्र मोदी
Delhi: PM Narendra Modi pays tribute to #AtalBihariVajpayee at Rashtriya Smriti Sthal. Today is Vajpayee's 94th birth anniversary pic.twitter.com/4bLk9llaru
— ANI (@ANI) December 25, 2018
क्या है इस पुल में खास
खबरों के अनुसार, बोगीबील ब्रिज की शुरुआती लागत 3230 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 4857 करोड़ रुपये हो गई है। ब्रह्मपुत्र नदी पर 4.94 किलोमीटर लंबा पुल यूरोपीय मानकों के आधार पर बनाया गया है। इसके निर्माण में जो सामग्री इस्तेमाल की गई है वो जंगरोधी है। यह 120 साल तक पूरी तरह सुरक्षित है। इस पुल में 42 डबल डी वेल फाउंडेशन के खंभे हैं, इन खंभों की वजह से पुल की मजबूती बहुत ज्यादा है। इस वजह से भयानक बाढ़ और बड़े भूकंप के झटकों को भी ये पुल आसानी से सहन कर सकता है। इस पुल के बनने से पूर्वी असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच सफर करने में लगने वाला वक्त घटकर सिर्फ 4 घंटे का रह जाएगा। इतना ही नहीं दिल्ली से डिब्रूगढ़ की यात्रा का वक्त 3 घंटे कम हो जाएगा।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक केस में मिली राहत, दूसरे में सात साल कैद